राज्यसभा में बुधवार को हंगामे के बीच दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्याक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021(जीएनसीटीडी) पास हो गया। टीएमसी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित विपक्ष के कई सांसदों ने एलजी को अधिक अधिकार देने वाले इस विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया। इससे पहले, सोमवार को लोकसभा में यह बिल पास हुआ था।
दिल्ली में उपराज्यपाल को अधिक अधिकार देने वाले इस विधेयक पर बुधवार (24 मार्च) को राज्यसभा में बहस के दौरान मामला कई बार गरमाया। टीएमसी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने एलजी को अधिक अधिकार देने वाले इस विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के कारण वित्त विधेयक 2021 पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को समय से पहले भाषण समाप्त करना पड़ा।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने विधेयक पर बहस के दौरान आरोप लगाया कि भाजपा के नेता लगातार उन पर कमेंट कर रहे हैं, यह सदन के नियमों के खिलाफ है। डेरेक ने केंद्र सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया और विधेयक को उन्होंने संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ बताया। इस दौरान डेरेक ओ ब्रायन ने अपने भाषण में भाजपा और चुनाव आयोग पर जमकर राजनीतिक हमला किया। उन्होंने बंगाल में निष्पक्ष चुनाव को लेकर आयोग की क्षमता पर कई बार सवाल खड़ा किया।
टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के लगातार आरोपों को सुनकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा भी उठ खड़े हुए और उन्हें टीएमसी पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग के किसी फैसले या उसकी साख़ पर कभी भी सवाल नहीं किया है। जेपी नड्डा ने कहा, “जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोल रहीं थीं, तब टीएमसी के सांसद नारेबाजी कर रहे थे, यह डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा। हम उनमें से नहीं हैं जो हार जाने पर ईवीएम को दोषी ठहराएं और जीत जाने पर खुद को शहंशाह बताएं।”
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के इस बयान पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एतराज जताया। उधर, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का विधेयक के जरिए बदला लेने का आरोप लगाया।
इससे पूर्व कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने इस विधेयक के मसले पर बोलते हुए केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे की हत्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में सीबीआई से टकराव का उदाहरण देते हुए कहा कि बगैर राज्य सरकार की अनुमति के ही सीबीआई ने राज्य में घुसने की कोशिश की।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीबीआई का मामला संघीय ढांचे का एक उदाहरण है। सीबीआई किसी मामले की तब जांच करती है, जब वहां की सरकार अनुमति दे या फिर कोर्ट इसका आदेश दे, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा कुछ न होते हुए भी सीबीआई ने कोयला मामले में घुसने की कोशिश की। डॉ. अभिषेक सिंघवी ने कहा, ” संघीय ढांचे की दुहाई देते हुए सरकार संघीय ढांचे की हत्या कर रही है।”
दिल्ली राष्ट्रीय राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 बिल बुधवार को राज्यसभा से पास कर दिया गया है। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। यानी संसद से इसे स्वीकृति मिल चुकी है और अब यह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा। इस बिल के जरिये दिल्ली निर्वाचित सरकार के मुकाबले लेफ्टिनेंट गवर्नर को ज्यादा शक्तियां दी गई हैं।
बुधवार को विधेयक पर चर्चा के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया। विपक्ष के कई दलों ने इस विधेयक को संसद की प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग की थी, जो सरकार ने मंजूर नहीं की। वहीं, गृह राज्यमंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली को जो अधिकार है वो रहेंगे। उनसे कोई अधिकार छीना नही गया है, दिल्ली पूरा राज्य नही है। संविधान में जो अधिकार दिए गए वो नही छीने नही गए हैं। (इंपुट: IANS के साथ)