PM की प्रशंसा करने पर तेजस्वी का नीतीश पर तंज, कहा- मोदी को मिला एक और नतमस्तक शिष्य

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार (31 जुलाई) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने महागठबंधन टूटने की वजह बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बांधे।

PTI File Photo

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई मुकाबला नहीं है। देश में अब किसी नेता में यह क्षमता नहीं है कि उनका मुकाबला कर सके। उनके सिवाय कोई दूसरा 2019 में दिल्ली की गद्दी पर काबिज नहीं हो सकता।

नीतीश कुमार के इस बयान के बाद उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री पर तंज कसा। ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में तेजस्वी से कहा, ‘आदरणीय प्रधानमंत्री जी को हार्दिक बधाई। भक्तों की संख्या में खुलकर आज एक और नतमस्तक परम शिष्य की एंट्री।’

एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘नीतीश जी ने विधानसभा में मेरे द्वारा पूछे गए अनेक तार्किक सवालों का एक भी जवाब नहीं दिया। शायद जवाब है ही नहीं। सब वो ही घिसी-पिटी पुरानी बातें।’

इसके अलावा एक और ट्वीट में तेजस्वी ने 27 अगस्त को होने वाली ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ रैली के बारे में ट्वीट किया ‘जनादेश के कत्ल व अपमान के विरुद्ध गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण से यात्रा की शुरुआत कर 27 की रैली के लिए शंखनाद होगा। अब याचना नही रण होगा।’

BJP के साथ मिलकर नीतीश ने बनाई सरकार

बता दें कि बिहार में महागठबंधन खत्म हो गया है। नीतीश कुमार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हो गए हैं। महागठबंधन की सरकार से इस्तीफे के तुरंत बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और अब वह दोबारा 27 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए। नीतीश ने गुरुवार को छठी बार बिहार के सीएम के तौर पर शपथ ली। वहीं, सीनियर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बतौर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

नीतीश ने साबित किया बहुमत

इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने शुक्रवार(28 जुलाई) को बिहार विधानसभा में बेहद अहम विश्वास मत जीत लिया। विस अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि जदयू, भाजपा और अन्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के पक्ष में 131 मत पड़े ओैर विपक्ष में 108 मत पड़े। विश्वास मत की प्रक्रिया मत विभाजन के जरिए पूरी हुई।

पहले राजग ने राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन की सूची दी थी। इसमें जदयू के 71, भाजपा के 53, रालोसपा के दो, लोजपा के दो, जीतनराम मांझी की पार्टी हम का एक और तीन निर्दलीय थे। बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों में राजद के 80 विधायक, कांग्रेस के 27 विधायक और भाकपा माले के तीन विधायक हैं।

 

 

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