सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने सोमवार (6 मई) को निर्वाचन आयोग के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसमें पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी। बता दें कि, वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से उनका नामांकन खारिज कर दिया गया है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है।

बहरहाल, निर्वाचन अधिकारी ने यादव का नामांकन पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया। तेज बहादुर यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है तथा इसे खारिज किया जाना चाहिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण तेज बहादुर की पैरवी कर रहे हैं।
सपा ने शुरू में मोदी के खिलाफ शालिनी यादव को टिकट दिया था लेकिन बाद में उसने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से अजय राय को दोबारा टिकट दिया है।
बता दें कि बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने जनवरी 2017 में खाने को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो डाला था। इस पर काफी विवाद हुआ था और पीएमओ ने मामले का संज्ञान लिया था। इसके बाद अप्रैल माह में बीएसएफ ने उनको अनुशासन हीनता का दोषी मानते हुए बर्खास्त कर दिया था। तभी से वह केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)