योगी सरकार ने ‘ताजमहल’ को ‘सांस्कृतिक विरासत’ से किया बाहर, बजट में फंड नहीं देने पर लोगों ने की आलोचना

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उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर ‘ताजमहल’ न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। प्यार की इस निशानी को देखने के लिए दूर देशों से हजारों सैलानी यहां आते हैं। यही वजह है कि ताजमहल, प्रेम और भारत की अमिट पहचान बन चुका है।

(Reuters File Photo)

हालांकि, भले ही इस प्यार की निशानी को दुनिया भर में भारत की पहचान के रूप में जाना जाता हो, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ‘ताजमहल’ को भारत की सांस्कृतिक विरासत मानने से इनकार कर दिया है। जी हां, सीएम योगी के लिए ताजमहल एक इमारत के सिवा कुछ नहीं है।

जी हां, बीते मंगलवार (11 जुलाई) को योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 3,84,659.71 करोड़ रुपये के बजट पेश किया, हालांकि इस पूरे बजट में ‘ताजमहल’ का कोई जिक्र नहीं है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में ‘हमारी सांस्कृतिक विरासत’ सेक्शन से ताजमहल गायब है। रिपोर्ट के मुताबिक, 63 पन्नों के इस बजट में ‘ताजमहल’ का एक बार भी जिक्र नहीं है। इतना ही नहीं बजट में ‘स्वदेश दर्शन योजना’ पेश की गई है, जिसके लिए 1,240 करोड़ रुपये का आवंटित हुए हैं।

बता दें कि इस योजना के तहत धर्मिक नगरी मथुरा, काशी(वाराणसी) और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों पर पर्यटन बढ़ाने का है। ठीक ऐसे ही ‘प्रसाद योजना’ के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है, जिसके तहत अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा।

विपक्ष और आम जनता का आरोप है कि जब सभी धार्मिक स्थलों को कुछ ना कुछ आवंटित किया गया है, ऐसे में ताजमहल को योगी सरकार ने इस प्रकार से नजरअंदाज क्यों किया। सोशल मीडिया पर योगी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है।

CM योगी ने ‘ताजमहल’ को भारतीय मानने से किया इनकार

यह पहला मामला नहीं है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताजमहल को नजरअंदाज किया हो। इससे पहले भी सीएम योगी ने दुनिया के सात अजूबों में से एक ‘ताजमहल’ को भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार कर चुके हैं। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर पिछले महीने 15 जून को बिहार के दरभंगा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश में परिवर्तन होता दिख रहा है।

उन्होंने कहा था कि पहले देश में आने वाले विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा ताजमहल और अन्य मीनारों की प्रतिकृतियां भेंट किए जाते थे, जो भारत के संस्कृति से मेल नहीं खाती थी। लेकिन अब गीता या रामायण गिफ्ट की जाती हैं, ये हमारी संस्कृति है। योगी ने कहा कि अब तो अमेरिका भी मोदी जी को आदर्श मानता है।

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