उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और पंजाब सहित देशभर के कुछ राज्यों में कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बदले जाने की खबरों के बाद माहौल काफी गरमा गया है। सोशल मीडिया पर ईवीएम से भरी गाड़ियों के कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद राजनीतिक दलों की तरफ से इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं।

हालांकि, चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ स्थानों पर ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों को बेबुनियाद और पूरी तरह गलत बताते हुए कहा है कि ईवीएम पूरी हर तरह से सुरक्षित हैं और उसकी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
इसी बीच, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भी मंगलवार (21 मई) को अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक फोटो पोस्ट की है, जिसमें बताया गया है कि इस्तेमाल किए गए और गैर इस्तेमाल किए गए दोनों ईवीएम को एक जगह रखने और उन्हें ले जाने के लिए क्या कहते हैं चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश।
EC guidelines on return of EVMs – both polled and unused reserved. pic.twitter.com/PrXCLi3bML
— Dr. S.Y. Quraishi (@DrSYQuraishi) May 21, 2019
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जताई चिंता
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित धांधली की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि ये मशीनें चुनाव आयोग की हिफाजत में हैं और इनकी सुरक्षा और सभी अटकलों को निराधार साबित करना उसकी जिम्मेदारी है। मुखर्जी ने इससे पहले सोमवार को एक समारोह में सही ढंग से चुनाव संपन्न कराने लिए चुनाव आयोग की सराहना की थी।
पूर्व राष्ट्रपति ने एक वक्तव्य में कहा था कि देश के लोकतंत्र के मूल आधार को चुनौती देने वाली अटकलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। जनादेश पवित्र होता है और इसे किसी भी संदेह से परे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका संवैधानिक संस्थाओं पर पूरा भरोसा है और इस नाते उनकी सुविचारित राय है कि संस्थान को चलाने वाले लोग ही यह निर्णय लेते हैं कि उसके सभी अंग कैसे काम करें।
Please read my statement below.#CitizenMukherjee pic.twitter.com/UFXkbv06Ol
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) May 21, 2019
इससे पहले मंगलवार को ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित करीब 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली में एक बैठक की और फिर चुनाव आयोग से जाकर मुलाकात की। इस बैठक में ईवीएम से जुड़ी शिकायतों और वीवीपैट के मुद्दे पर चर्चा की गई।
विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा और दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए।
विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल बुधवार को एक बार फिर से चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते है। बता दें कि, वोटो की गिनती गुरुवार (23 मई) को होगी।