‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ के अनुसार, सफाई के मामले में मध्य प्रदेश का इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है, जबकि उत्तर प्रदेश का गोंडा सबसे अस्वच्छ(गंदा) शहर है। इंदौर के अलावा भोपाल दूसरे नंबर पर रहा है, जबकि तीसरा नंबर विशाखापट्टनम का आया है। सरकार ने गुरुवार(4 मई) इस सर्वेक्षण का परिणाम जारी किया।
फाइल फोटो: साभारइस सूची में सूरत को चौथा स्थान मिला है, जबकि पिछली बार नंबर वन पर रहने वाला मैसूर शहर इस बार पांचवें नंबर पर खिसक गया है। दिल्ली का एनडीएमसी भी सफाई के मामले में पिछले साल के चौथे नंबर से फिसलकर सातवें नंबर पर पहुंच गया है। इस बार कुल 434 शहरों ने स्वच्छता सर्वेक्षण में हिस्सा लिया था।
शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सर्वेक्षण के बारे में घोषणा करते हुए कहा कि 434 शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है और भोपाल इस सूची में दूसरे नंबर पर है। इस सर्वेक्षण के अनुसार इस सूची में गोंडा सबसे गंदा शहर है और महाराष्ट्र का भुसावल दूसरा सबसे अस्वच्छ शहर है।
शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में गुजरात के सर्वाधिक 12 शहर शामिल हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश के 11 और आंध्र प्रदेश के आठ शहर शीर्ष 50 स्वच्छ शहरों में शामिल हैं। स्वच्छता रैंकिंग में सबसे अंतिम स्थान पर रहे 50 शहरों में से आधे शहर उत्तर प्रदेश के हैं। ये सर्वेक्षण इस साल जनवरी से फरवरी के बीच में किया गया है।
इस सर्वे में भाग लेने वाले 83 प्रतिशत से अधिक लोगों ने माना है कि इस अभियान के बाद उनके इलाके में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा साफ-सफाई देखने को मिली है। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 के अनुसार, 82 फीसदी से ज्यादा नागरिकों ने स्वच्छता बुनियादी ढांचा और अधिक कूड़ेदान की उपलब्धता के अलावा घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करने जैसी सेवाओं में सुधार हुई है।
बता दें कि पीएम मोदी द्वारा 2014 में लॉन्च किए गए स्वच्छता मिशन का मकसद भारतीय शहरों को 2019 तक स्वच्छ सुंदर और खुले में शौच से मुक्त करना है। गौरतलब है कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है।