भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार (12 मई) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए।

पिछले साल तक बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल रहे भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार (12 मई) को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, “18 पार के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने की शुरुआत होने से 11 करोड़ की आबादी वाले बिहार को वैक्सीन की लाखों वाइल की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए।”
ऐसे में केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 12, 2021
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के सीधे आयात की सम्भावना पर विचार के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई है। आंध्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ग्लोबल टेंडर निकालने के मुद्दे पर अनुरोध किया है। बिहार सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता में कोई कठिनाई न हो।”
आंध्र के मुख्यमन्त्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ग्लोबल टेंडर निकालने के मुद्दे पर अनुरोध किया है।
बिहार सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता में कोई कठिनाई न हो।— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 12, 2021
भाजपा नेता ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “बिहार सरकार कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण के लिए 4,165 करोड़ रुपये खर्च करने की सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है। इसमें से 1000 करोड़ तत्काल आवंटित भी हो चुके हैं। धन की कोई कमी नहीं, लेकिन स्वदेशी दवा कंपनियां रातोंरात उत्पादन बढ़ा कर वैक्सीन की सभी राज्यों की जरूरत समय पर पूरा नहीं कर सकतीं, इसलिए ग्लोबल टेंडर का विकल्प अपनाया जाना चाहिए।”
धन की कोई कमी नहीं, लेकिन स्वदेशी दवा कंपनियां रातोंरात उत्पादन बढ़ा कर वैक्सीन की सभी राज्यों की जरूरत समय पर पूरा नहीं कर सकतीं, इसलिए ग्लोबल टेंडर का विकल्प अपनाया जाना चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) May 12, 2021
गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश के साथ-साथ बिहार में भी हाहाकार मचा रखा है। कोरोना के नए मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखने को मिल रही है। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी हो गया है। लेकिन कोरोना काल में वैक्सीन की बढ़ती मांग के बीच देश में वैक्सीन की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है।