‘सर्जिकल स्ट्राइक’ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी हुए थे पर उन्होने कभी ट्विटर का सहारा लेकर फर्जी श्रेय नही लिया

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भारत के डीजीएमओ ले. जनरल रणबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गुरुवार को जानकारी दी थी कि भारत ने एलओसी पार करके आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके कई आतंकियों को मार गिराया है। उड़ी हमले के बाद पहली बार सेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए LOC पार जाकर पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई की थी।

ये खबर उसी दिन आई जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम पूर्व कारपोरेट मामलों के महानिदेशक बीके बंसल के सुसाइड नोट में सामने आया।

New Delhi: Director General Military Operations (DGMO), Ranbir Singh salutes after the Press Conferences along with External Affairs Spokesperson Vikas Swarup, in New Delhi on Thursday. India conducted Surgical strikes across the Line of Control in Kashmir on Wednesday night. PTI Photo by Shirish Shete

सर्जिकल स्ट्राइक की खबर के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाईयों का ट्रेंड चल गया और इस कदम की जबरदस्त तारीफे हुई। सभी दलों के नेताओं, खिलाड़ियों, अभिनेताओं समेत तमाम लोगों ने इस ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री और भारतीय सेना को बधाई दी। इस ऑपरेशन को लेकर ट्विटर पर कई हैशटैग ट्रेंड होते रहे, जिसमें #ModiPunishesPak, #SurgicalStrike, Indian Army, #UriResponse, #IndiaStrikesPak, DGMO और Line of Control शामिल रहा।

New Delhi: Director General Military Operations (DGMO), Ranbir Singh salutes after the Press Conferences along with External Affairs Spokesperson Vikas Swarup, in New Delhi on Thursday. India conducted Surgical strikes across the Line of Control in Kashmir on Wednesday night. PTI Photo by Shirish Shete

टीवी चैनलों ने मोदी को अच्छा दिखाने के लिए स्पेशल प्रोग्राम बनाए। चैनल्स की रिपोर्ट से ऐसा लग रहा था जैसे सैना ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कुछ नहीं किया और प्रधानमंत्री मोदी ने ही सीमा पार हमले के लिए अकेले योजना बनाई हो।

अपने दक्षिणपंथी विचारों के लिए पहचाने जाने वाले सदानंद धूमे ने ट्वीट किया

फिर उनके अलावा ट्विटर पर वो लोग थे जो पूरी तरह मोदी समर्थक थे, ट्वीट में दावा किया कि भारत सरकार द्वारा ये इतिहास का अब तक का पहला सर्जिकल सट्राइक था, और इससे पहले की कांग्रेस पार्टी ऐसा करने का साहस नहीं जुटा सकी थी।

https://twitter.com/TrueIndology/status/781507628648112128

हालांकि दूसरी तरफ सेना के डीजीएमओ ले. जनरल रणबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये साफ किया था कि सेना द्वारा किया गया ये पहला सर्जिकल सट्राइक नहीं था, लेकिन एक न्यूज चैनल ने प्रेस कॉन्फ्रेस पूरा होने से पहले ही काट दिया जिसके फौरन बाद पत्रकार सुजाता आनंनदन ने ये बात गौर की और ट्वीट किया।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ये स्पष्ट किया कि भारतीय सेना द्वारा ये पहला सर्जिकल स्ट्राइक होने का दावा सच से परे है क्योकि सेना द्वारा किया जाने वाला सर्जिकल स्ट्राइक यूपीए सरकार में भी हुआ था। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यूपीए सरकार ने इसका प्रचार-प्रसार नहीं किया था।

दिग्विजय सिंह बिल्कुल सही हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना ने 2007 और 2013 के बीच कम से कम दो सर्जिकल स्ट्राइक हमलों का आयोजन किया था और वो सूचित भी किया गया था। लेकिन मोदी सरकार की तरह मनमोहन सरकार ने प्रचार करना मुनासिब नहीं समझा बल्कि उन्होनें इस सूचना को गुप्त रखना चाहा क्योंकि उन्हे मीडिया में जानकारी लीक करके सस्ते प्रचार की ज़रूरत महसूस नहीं हुई।

यहाँ मनमोहन सिंह के शासन के दौरान भारतीय सेना द्वारा किए गए पिछले सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कुछ जानकारियां हैं। जिसमें से 2 स्ट्राइक को मीडिया द्वारा सूचित किया गया है, जबकि अन्य अवसरों पर उस समय की सैन्य रणनीति के तहत बाकि सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारियां नही दी गई थी।

2007:

इंडिया टुडे के पत्रकार संदीप उन्नीथन ने जनवरी 2014 के एक लेख में लिखा था कि पूर्व आर्मी चीफ ने किस तरह ये पर्दाफाश किया था कि  “सर्जिकल हमलों ने कैसे सेना में कम तीव्रता संघर्ष या ‘उप-परंपरागत संचालन’ की रणनीति के तहत सर्जिकल स्ट्राइक्स की योजना बनायी थी और इसी रणनीति के तहत 2006 में भारतीय सेना ने कम से कम नुकसान उठाए और कई आतंकियों को ढेर कर दिया था।

जनवरी 2014

वार्षिक सेना दिवस संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने एक सर्जिकल स्ट्राइक हमले में 10 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की बात कुबूल की थी। जनरल सिंह ने पाकिस्तान को किसी भी नियम का उल्लंघन करने के लिए चेतावनी दी थी और भारत को पाकिस्तान के लिए बराबरी का जवाब देने के लिए चेताया था।

उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया था कि भारतीय सेना ने पिछले साल पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा अपने सैनिकों के सिर कलम करने के बदले की कार्रवाई नहीं की थी।

उन्होंने कहा था, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि कार्रवाई की गई है,अगर आप 23 दिसंबर को जियो टीवी की रिपोर्ट देखें जिसमें 9 पाकिस्तानी जवानों की मौत और 12-13 जवान घायल हुए थे, और ये सिर्फ हमारे सैनिकों की गोलीबारी के कारण हुआ था।”

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