पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आधार से मोबाइल नंबर को लिंक करने के मामले में सोमवार(30 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा राज्य सरकार ने एक्ट की वैधता को कैसे चुनौती दी। अगर चुनौती देनी है तो ममता बनर्जी एक नागरिक की तरह चुनौती दें। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है इन मामलों पर विचार करना जरूरी है। कोर्ट ने याचिका में संशोधन करने को कहा है।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि कल को केंद्र राज्य सरकार के कानून को चुनौती देने लगेगा। ऐसे में राज्य सरकार संसद के कानून को कैसे चुनौती दे सकती है? सरकार कानून को चुनौती देने की बजाए याचिका में संशोधन करे।
ममता बनर्जी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि यह अपील राज्य के श्रम विभाग ने दायर की है, क्योंकि इन योजनाओं के तहत सब्सिडी वही वितरित करता है। बेंच ने कहा, ‘आप हमें संतोषजनक उत्तर दें कि कैसे एक राज्य इसे चुनौती दे सकता है।
हम जानते हैं कि इस मुद्दे पर विचार की जरूरत है।’ बेंच ने कहा कि केंद्र के कदम को कोई व्यक्ति चुनौती दे सकता है, राज्य नहीं। कोर्ट ने कहा, ममता बनर्जी को एक व्यक्ति के रूप में अपील दायर करने दें। हम उस पर विचार करेंगे क्योंकि वह एक व्यक्ति होंगी।
बता दें कि, ममता सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार के मोबाइल को आधार से जोड़ने के फैसले का कड़ाई से विरोध करते हुए कहा था कि अगर उनका कनेक्शन काट भी दिया गया तो भी वह दूरसंचार कंपनी को अपना आधार संख्या नहीं देंगी।