गोहत्या को लेकर सड़के से लेकर संसद तक चल रहे बहस के बीच एनसीपी नेता शरद पवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को लेकर हमला बोला है जिसमें भागवत ने पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगाने वाले कानून की वकालत की थी।

भागवत पर हमला बोलते हुए पवार ने कहा कि पूरे देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है। पवार ने वीर सावरकर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वीर सावरकर भी गौ हत्या के पक्ष में थे। उन्होंने कहा था कि अगर गायों की उपयोगिता नहीं है तो उसका मांस खाने से कोई दोषी नहीं हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने अपनी हिन्दी आत्मकथा ‘अपनी शर्तों पर’ के विमोचन पर कहा कि स्वतंत्रता सेनानी सावरकर ने भी कहा था कि गाय बहुत उपयोगी पशु है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन, अगर उसकी उपयोगिता खत्म हो जाए तो यह किसानों पर बोझ नहीं बने। पवार ने कहा कि सावरकर ने कहा था कि अगर किसी ने अनुपयोगी गाय का मांस खाया है तो उसे दोषी नहीं कहा जा सकता है।
बता दें कि ‘अपनी शर्तों पर’ शरद पवार की अंग्रेजी में प्रकाशित आत्मकथा ‘ऑन माय टर्म्स’ का हिंदी अनुवाद है जिसे राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। ‘अपनी शर्तों पर’ किताब की भूमिका में पवार ने कहा कि यह किताब मैंने अपने जीवन पर दृष्टिपात करने के लिए तैयार की, साथ ही कुछ जरूरी बातों पर अपने विचार रखने और कुछ बातों के जवाब देने के लिए भी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगाने वाले कानून की वकालत की है। उन्होंने कहा कि गोवध के नाम पर कोई भी हिंसा उद्देश्य को नुकसान पहुंचाती है, कानून का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए।
भगवान महावीर की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि ‘हम देश भर में गो वध पर रोक लगाने वाला कानून चाहते हैं।’ साथ ही आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि कानून का पालन करते हुए गाय की रक्षा करने का काम जारी रहना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि गो वध के नाम पर कोई भी हिंसा उद्देश्य को बदनाम करती है और कानून का पालन करना ही चाहिए।
बता दें कि राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। इस घटना के बाद देश भर में एक बार फिर गोहत्या को लेकर बहस तेज हो गई है।