चीन ने एक बार फिर जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचा लिया है। जैश मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चौथी बार चीन रोड़ा बन गया है। चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल कर इस पर रोक लगा दी। इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस फैसले पर निराशा जताई है। साथ ही प्रस्ताव का समर्थन करने वालों का धन्यवाद किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन इस बात पर अड़ा रहा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर का आपस में कोई लिंक नहीं है। चीन की दलील है कि पहले भी मसूद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। मिली जानकारी के मुताबिक भारत ने मसूद के खिलाफ सबूत के तौर पर वो टेप्स दिए हैं, जो मसूद और जैश के कनेक्शन को साबित करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद को सौंपे गए डोजियर में भारत ने मसूद के खिलाफ अन्य सबूत भी दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य चीन ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के जरिए लाए जा रहे प्रस्ताव में अड़ंगा लगा दिया। इधर भारत ने अमेरिका, फ्रांस के साथ पुलवामा आतंकी हमले के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज शेयर किए हैं, ताकि मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में पुख्ता सबूत पेश किए जा सकें। भारत को अमेरिका का जबरदस्त साथ मिला है।
चीन मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाने के लिए कोई पैंतरा चल सकता है, इसकी आशंका पहले ही जाहरि की गई थी। कहा ये जा रहा है कि चीन ने मसूद के खिलाफ और सबूत मांगे हैं। पठानकोट आतंकी हमले के बाद से मसूद अजहर के खिलाफ ये प्रस्ताव चौथी बार लाया गया है। पिछले सभी मामलों में चीन इस प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा चुका है।
इस बार बीसियों सबूत जुटाकर हिंदुस्तान ने यूएन से उसे ग्लोबल आतंकी घोषित करने की अपील की है, लेकिन चीन का कहना है कि पहले भारत के दावे की पड़ताल की जानी चाहिए। जिस मसूद अजहर को आतंकवादी करार दिए जाने को लेकर यूएनओ में ये माथापच्ची का दौर चल रहा है, उसी मसूद अजहर के संगठन यानी जैश-ए-मोहम्मद को 15 मुल्कों वाली सुरक्षा परिषद पहले ही आतंकवादी संगठन करार दे चुकी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर चीन मसूद को लेकर क्यों आनाकानी में लगा हुआ है।
भारत बोला- जारी रहेंगे प्रयास
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जाने की प्रक्रिया में चीन के अड़ंगा लगाने पर भारत ने निराशा जताते हुए आज रात कहा कि इसके लिए लगातार प्रयास किए जाते रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हमें इस कदम से निराशा हुई।‘‘