प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और शिक्षाविद् प्रोफ़ेसर यशपाल का निधन हो गया है। उन्हें 1976 में पद्मभूषण सम्मान मिला था और 2013 में पद्मविभूषण मिला था। प्रफेसर यशपाल ने देश में वैज्ञानिक प्रतिभाओं को निखारने में विशेष योगदान दिया था, वे 90 साल के थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीती रात 3 बजे नोएडा के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। देश के बड़े वैज्ञानिकों में शुमार प्रफेसर यशपाल का जन्म 26 नवंबर 1926 को हरियाणा में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से की थी।
Scientist and academician Padma Vibhushan Professor Yash Pal, 90, passes away at his residence in Noida. (File Pic) pic.twitter.com/2xHo3C49g6
— ANI UP (@ANINewsUP) July 25, 2017
1973 में सरकार ने उन्हें स्पेस ऐप्लीकेशन सेंटर का पहला डायरेक्टर नियुक्त किया गया। 1983-84 में वह प्लानिंग कमिशन के चीफ कंसल्टेंट भी रहे। प्रफेसर यशपाल साल 2007 से 2012 तक देश के बड़े विश्व विद्यालयों में से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के वाइस चांसलर भी रहे।
पाल दूरदर्शन पर अत्यंत चर्चित विज्ञान कार्यक्रम टर्निंग प्वाईंट में भागीदारी और विज्ञान को साधारण शब्दों में आम जनता तक पहुंचाने के प्रयासों के कारण लोकप्रिय रहे हैं। प्रोफेसर यशपाल भारतीय शिक्षाविद और वैज्ञानिक थे। उन्होंने 10 से ज्यादा इंटरनेशनल अवॉर्ड और कई नेशनल अवॉर्ड जीते थे।
बता दें कि, सोमवार(24 जुलाई) की सुबह इसरो के पूर्व अध्यक्ष और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्रा राव (यू आर राव) का निधन हो गया था। उन्होंने भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास तथा प्राकृतिक संसाधनों के क्षेत्र में संचार एवं सुदूर संवेदन के विस्तृत अनुप्रयोग के लिये मौलिक योगदान दिया।