बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान के अंदर धरना देने की अनुमति देने से इनकार के बाद राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं। उनके स्वागत में अनुकंपाई सीएम नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को कैद कर लिया।’
बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और RJD नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके। नीतीश जी, वहां पहुंच रहा हूं। रोक सको तो रोक लीजिए।”
गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।
नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने कहा, “धनदाता और अन्नदाता की इस लड़ाई में हम अन्नदाता के साथ खड़े है। क्या किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाना, उनकी आय दुगुनी करने के लिए नए क़ानूनों में अनिवार्य रूप से MSP की माँग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना अपराध है? अगर है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे?”
धनदाता और अन्नदाता की इस लड़ाई में हम अन्नदाता के साथ खड़े है।
क्या किसानों के समर्थन में आवाज़ उठाना, उनकी आय दुगुनी करने के लिए नए क़ानूनों में अनिवार्य रूप से MSP की माँग करना, खेत-खलिहान को बचाने की लड़ाई करना अपराध है? अगर है तो हम यह अपराध बार-बार करेंगे? pic.twitter.com/yA6YaUtvOI
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020
बता दें कि, तेजस्वी ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए आंदोलन का ऐलान किया है। तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन के नेता गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने वाले थे लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली। इसके बाद गांधी मैदान के गेट नंबर चार पर ही तेजस्वी के नेतृत्व में कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।
तेजस्वी ने आरोप जड़ा कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं। केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी। उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की।
गौरतलब है कि, भयंकर सर्दी के बीच हजारों किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पिछले नौ दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे हुए हैं। पंजाब और हरियाणा के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं। वे हरियाणा की सिंघु, टिकरी सीमा और उत्तर प्रदेश की गाजीपुर और चिल्ला सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।