स्मृति ईरानी न बनें विद्यार्थी परिषद की सरंक्षक- विपक्ष

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इलाहबाद यूनिवर्सिटी की छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्षा ऋचा सिंह के पक्ष में विपक्ष की आठ राजनितिक पार्टियां खुल कर सामने आयी हैं।

उन्होंने ऋचा सिंह को एक ऐसी अकेली आवाज़ बताया है जो पूरी यूनिवर्सिटी के भगवाकरण के खिलाफ बोल रही है और जिसकी वजह से उन्हें कॉलेज प्रशासन के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

आठ पार्टियां- कांग्रेस, सीपीएम, जदयू, सपा, डीएमके, आप और आरजेडी ने मिल कर स्मृति ईरानी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की मुखिया बताया है।

राज्यसभा में मंगलवार को नेता विपक्ष, गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि रोहिथ वेमुळे और कन्हैया कुमार के बाद ऋचा सिंह को निशाना बनाया जा रहा है।

एक साझे बयान में कहा गया,”इलाहबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ की पहली महिला अध्यक्ष ऋचा सिंह के ऊपर हो रहे प्रताड़ना से हम सब स्तब्ध हैं। सरकार अपने विद्यार्थी परिषद के गुंडागर्दी को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

बयान में यह भी कहा गया कि ऋचा सिंह ने यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष का सीट जीता और बाकि सारे सीट ABVP ने जीते। वह तबसे भगवा पार्टियों के खिलाफ आवाज़ उठती आयी हैं। भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ के यूनिवर्सिटी आने पर ऐतराज़ जताने के लिए प्रदर्शन ऋचा सिंह ने करवाया जंहा विद्यार्थी परिषद के लोगों ने कथित तौर पर हमला किया। हमले की जांच बजाय ऋचा सिंह पर ही जाँच के आदेश दे दिए गयें।

जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि पहले रोहित वेमुळे फिर कन्हैया कुमार और अब ऋचा सिंह, छात्र के पीछे पड़ी है जो अलग विचारधारा की सोच रखते हैं ।

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