समाजवादी पार्टी के नेता और कथित गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले कई दिनों से फरार चल रहे थे। उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाने के कारण अखिलेश सरकार की अच्छी खासी किरकरी भी हुई थी और इसका असर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में देखने को मिला।

अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति को लखनऊ के आलमबाग पुलिस स्टेशन में रखा गया है। बलात्कार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था, लेकिन 27 फरवरी से ही वह फरार थे। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं आ रहे थे।
दरअसल, गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला का आरोप है कि मंत्री ने उसे पार्टी में ऊंचा पद दिलाने के नाम पर पिछले दो साल में कई बार रेप किया, और उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ भी की। महिला का यह भी आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
बता दें कि इससे पहले लखनऊ की गौमतपल्ली थाना पुलिस ने मंगलवार(14 मार्च) को प्रजापति के बेटे अनुराग व अनिल को हिरासत में लिया था और 3 नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। पुलिस अधिकारियों की माने तो, गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दे रखी थी। बेटों की गिरफ्तारी के बाद यह अनुमान भी लगाया जा रहा था कि प्रजापति बुधवार को अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
प्रजापति समेत इस मामले में अबतक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने प्रजापति की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि लखनऊ से बुधवार सुबह प्रजापति को गिरफ्तार किया गया। एडीजी के मुताबकि पुलिस को प्रजापति के मामले में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।