रेड लेबल टी के इस विज्ञापन को लेकर रामदेव ने पतंजलि की प्रतिद्वंद्वी कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर के बहिष्कार अभियान का किया समर्थन

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पतंजलि के संस्थापक रामदेव अतीत में अपने टीवी विज्ञापनों के माध्यम से हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाते रहते हैं। लेकिन गुरुवार को, विवादास्पद योग गुरु ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के खिलाफ सोशल मीडिया पर हिंदुत्व ब्रिगेड द्वारा शुरू किए गए एक अभियान का खुलकर समर्थन कर नया मोड़ दे दिया। दरअसल, कंपनी ने ब्रुकबांड रेड लेबल का एक विज्ञापन तैयार किया है, जिसमें कुंभ का एक दृश्य दिखाया गया है। दिल दहला देने वाले इस विज्ञापन में एक युवक अपने बुजुर्ग पिता का हाथ छुड़ाकर चला जाता है। बुजुर्ग उसे पुकारता रहता है।

कंपनी ने वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया है कि रेड लेबल चाय हमें उन लोगों के हाथों को पकड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है जिन्होंने हमें बनाया है। जिनकी वजह से आज जो हम हैं। दिल को छू लेने वाला वीडियो देखें। साथ ही हैशटैग #ApnoKoApnao इस्तेमाल किया है। विज्ञापन में परोक्ष रूप से दिखाया गया कि है किस तरह भारतीय लोग मौका मिलते ही अपने बुजुर्ग पिता को छोड़ने का प्रयास करते हैं। लेकिन, उनकी (एचयूएल) चाय उन्हें वापस अपनों तक पहुंचा देती है।

रामदेव के कथित ‘देशभक्त’ समर्थक और हिंदुस्व बिग्रेड द्वारा इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति पर हमला करार देते हुए सोशल मीडिया पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के उत्पादों के बहिष्कार की अपील का जा रही है। देखते ही हिंदुत्व बिग्रेड द्वारा ट्विटर पर #BoycottHindustanUnilever टॉप पर ट्रेंड करा दिया गया। इस हैशटैग के जरिए हिंदुस्तान यूनिलीवर पर हिंदू धर्म के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा जा रहा है कि कंपनी का कहना है कि हिंदू कुंभ मेले में अपने माता-पिता को छोड़ देते हैं।

हिंदुस्तान यूनिलीवर के बहिष्कार के अभियान में कुछ देर बाद रामदेव भी शामिल हो गए। ट्रेंड हो रहे #BoycottHindustanUnilever हैशटैग का उपयोग करते हुए रामदेव ने इस विज्ञापन को भारतीय संस्कृति पर हमला करार देते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर को बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर हिन्दुस्तान यूनिलीवर तक एक ही एजेंडा है कि हमारे देश को हमेशा आर्थिक और वैचारिक रूप से कमतर बताया जाए। हम क्यों नहीं उनका बहिष्कार कर सकते? इनके लिए भावनाएं बाजार से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। हमारे लिए भगवान के बाद हमारे माता-पिता (बुजुर्ग) ही हैं। एचयूएल का बहिष्कार करें।

खबर लिखे जाने तक हिंदुस्तान यूनिलीवर ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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