नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। नोटबंदी और राफले सौदे में कथित घोटाले को लेकर गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने 15-20 सबसे बड़े ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट’ (सत्ताधारियों से साठगांठ करने वाले पूंजीपतियों) के कालेधन को सफेद कराने में मदद के इरादे से नोटबंदी का कदम उठाया था।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से पूछा कि क्या वे स्वतंत्र होकर लिख रहे हैं या दबाव महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘आज कल प्रेस वालों को भी यही लगता है थोड़ा झिझक के साथ काम करते हैं, लेकिन आपको हमारी ओर से पूरा समर्थन है।’
दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुस्कराते हुए राहुल गांधी ने पत्रकारों से पूछा, “कैसे है आप, मूड ठिक है? क्या आप इन दिनों स्वतंत्र रूप से लिख रहे हैं या थोड़ा मतलब दवाबा है, प्रसेर है थोड़ा सा?” राहुल गांधी ने मुस्कराते हुए आगे कहा, “देश का सामान्य मूड ऐसा है कि लोग थोड़ा घबराकर बोलते है आज कल और प्रेस वालों को भी यही लगता है थोड़ा झिझक के साथ काम करते हैं, लेकिन आपको हमारी ओर से पूरा समर्थन है।”
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही कथित रूप से मोदी सरकार के आलोचक के रूप में चैनल में कार्यरत तीन प्रमुख नामों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न कर रही है और अघोषित आपातकाल की स्थिति उत्पन्न कर दी है जहां प्रेस पर प्रतिबंध है।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2017-18 के एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट तकरीबन वापस आ गए हैं। आरबीआई के अनुसार कुल 99 फीसदी नोट वापस आए हैं। अब तक कुल 15 लाख 31 हजार करोड़ रुपए के पुराने नोट वापस आ गए हैं। नोटबंदी से पहले कुल 15 लाख 41 हजार करोड़ रुपए की मुद्रा प्रचलन में थी।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा की थी। सरकार ने कहा था कि इसके पीछे मुख्य मकसद कालाधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है।