राहुल गांधी बोले- देश को कर्ज नहीं बल्कि वित्तीय मदद की जरूरत, 6 महीने तक गरीबों के खाते में पैसे डाले सरकार

0

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार (28 मई) को कहा कि मौजूदा समय में देश को कर्ज नहीं बल्कि वित्तीय मदद की जरूरत है और ऐसे में सरकार गरीबों के खाते में छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह भेजे तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को आर्थिक पैकेज दिया जाए।

राहुल गांधी

सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर कांग्रेस की ओर से शुरू किए गए ‘स्पीकअप इंडिया’ अभियान के तहत एक वीडियो जारी कर उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि वह मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराए और मनरेगा के तहत साल में 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘कोविड के कारण भारत में एक तूफान आया हुआ है। सबसे ज्यादा चोट गरीब जनता को लगी है। मजदूरों को सैकड़ों किलोमीटर भूखा-प्यासा और पैदल चलना पड़ रहा है। एमएसएमई हमारे देश की रीढ़ की हड्डी हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार देते हैं। ये एक के एक बाद बंद हो रहे हैं।’’

उनके मुताबिक आज हिंदुस्तान को कर्ज की नहीं, पैसे की जरूरत है। गरीब आदमी को पैसे की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार से चार मांगे हैं। पहली मांग यह है कि हर गरीब परिवार के खाते में छह महीनों के लिए 7500 रुपये प्रति माह डाला जाए। मनरेगा को 200 दिन के लिए चलाया जाए। एमएसएमई के लिए तत्काल एक पैकेज दिया जाए। मजदूरों को वापस भेजने के लिए तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।’’

गौरतलब है कि, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किए दो महीने हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो कि 25 मार्च से लागू हुआ था। फिलहाल कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई तक जारी रहेगा। हालांकि, लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)

Previous articleSambit Patra hospitalised after showing COVID-19 symptoms
Next articleNo train or bus fares to be charged from migrant workers, those found walking immediately be taken to shelters and provided food and all facilities: Supreme Court