राहुल गांधी निर्विरोध कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ से सोमवार (11 दिसंबर) को इसका औपचारिक ऐलान हुआ। बता दें कि आज नामांकन वापसी की आखिरी तारीख थी और राहुल के खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राहुल के 16 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभालने की संभावना है।
PHOTO: @rssurjewalaइसके साथ ही पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव होगा जब उनकी मां और सबसे लंबी अवधि तक पार्टी अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी औपचारिक तौर पर उन्हें बागडोर सौंपेंगी। यह बदलाव देश की सबसे पुरानी पार्टी में नये युग का आगाज करेगा। राहुल गांधी के पक्ष में कुल 89 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। जांच में सभी नामांकन पत्रों को वैध पाया गया।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव प्राधिकार (CEA) के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन और सीईए के सदस्य मधुसूदन मिस्त्री और भुबनेश्वर कलीता घोषणा करेंगे कि सिर्फ राहुल ने शीर्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक रामचंद्रन ने बताया कि राहुल गांधी को हालांकि पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का प्रमाण पत्र 16 दिसंबर को सोनिया गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सौंपा जाएगा।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी आधिकारिक तौर पर 132 साल पुरानी पार्टी की बागडोर अपने बेटे को 16 दिसंबर की सुबह तकरीबन 11 बजे सौंपेंगी। इसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय में देशभर के नेताओं से मिलेंगे। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते ही उनकी मां सोनिया गांधी का पार्टी प्रमुख के तौर पर 19 साल का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी 1998 से लेकर अब तक सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं।
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Posted by Janta Ka Reporter on Sunday, 10 December 2017
कांग्रेस पार्टी ने स्वतंत्रता के बाद से आधी सदी से अधिक समय तक देश पर शासन किया है। नेहरू-गांधी परिवार के वंशज 47 वर्षीय राहुल के सामने पार्टी की खोई हुई प्रतिष्ठा को लौटाने का कठिन काम है। पार्टी के सितारे हालिया वर्षों में गर्दिश में रहे हैं। एक समय पूरे देश पर कांग्रेस का नियंत्रण था, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में उसकी सरकार है।
कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद एक के बाद एक विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर रही है। हालांकि, उसे पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से ठीक 2 दिन पहले नियुक्त किया जाएगा। राहुल ने गुजरात में कांग्रेस के लिए जोर-शोर से प्रचार किया है और अगर वह चुनाव में जीत हासिल करती है तो यह उनके लिये संजीवनी बूटी का काम करेगी।