कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार को लोकतंत्र में चर्चा और असहमति के संदर्भ में ट्यूशन लेने की जरूरत है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतंत्र में बहस व असहमति का महत्व- इस विषय पर मोदी सरकार को ट्यूशन की ज़रूरत है।’’
लोकतंत्र में बहस व असहमति का महत्व-
इस विषय में मोदी सरकार को ट्यूशन की ज़रूरत है।#Debate #Dissent #Democracy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 14, 2021
राहुल गांधी की ओर से यह टिप्पणी ऐसे समय की गई जब संसद के शीतकालीन सत्र में निलंबित सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा विपक्ष का हंगामा कर रहा है। राहुल गांधी ने राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्यों के समर्थन में निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने से पहले सरकार पर यह आरोप लगाया।
गौरतलब है कि, गत मानसून सत्र में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है, उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं। निलंबन के बाद से ये सांसद संसद की कार्यवाही के दौरान प्रतिदिन सुबह से शाम तक संसद परिसर में धरना दे रहे हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)
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