पंजाब कांग्रेस संकट: सुलह के फार्मूले पर भी रार, मनीष तिवारी ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनाने की ख़बर पर दी तीखी प्रतिक्रिया

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पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद में अब पार्टी नेता मनीष तिवारी भी कूद गए हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश अध्यक्ष बनने की खबर फैलने के बाद मनीष तिवारी समेत कई कांग्रेस नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है, जो गैर-सिख प्रदेश अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं।

तिवारी ने शुक्रवार को सुबह एक ट्वीट में कहा, “पंजाब की जनसांख्यिकी – सिख : 57.75 प्रतिशत, हिंदू : 38.49 प्रतिशत, दलित : 31.94 प्रतिशत (सिख और हिंदू), पंजाब प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष दोनों है ..” उन्होंने अपने ट्वीट में कहा “.. लेकिन सामाजिक हित समूहों को संतुलित करना समानता की कुंजी है।” उन्होंने पंजाब में धार्मिक संरचना को दर्शाने वाला एक ग्राफ भी शेयर किया है।

तिवारी की यह प्रतिक्रिया हरीश रावत के बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि, “पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए एक फॉर्मूले पर काम कर रही है और चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।” बाद में रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और कहा कि कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की अटकलें पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के इस बयान के बाद आई हैं कि इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन राज्य में समीकरण को संतुलित करने के लिए पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने के फार्मूले पर काम कर रही है। जबकि अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि वह पार्टी के आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।

रावत ने कहा, “पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के फार्मूले पर काम कर रही है और चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।” रावत ने कहा था कि इस संकट के समाधान के लिए फार्मूला जल्द सामने आएगा और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू साथ काम करेंगे। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)

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