मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जारी किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी (गुरुवार 8 जून) को अस्ताना के दौरे पर पहुंच गए है। बता दें कि, पीएम मोदी हाल ही में अपने 4 देशों के दौरे से दिल्ली लोटे थे। मध्य प्रदेश में फसलों के वाजिब दाम सहित अन्य मांगों को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन मंगलवार(7 जून) को हिंसक हो गया था और मंदसौर के जिले में आंदोलन कर रहे किसानों पर हुई फायरिंग में 5 की मौत हो गई। बीजेपी शासित दोनों राज्यों में किसानों की हड़ताल से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है।
जिसके बाद लगभग पार्टियों के नेताओं ने इस घटना कि निंदा की वहीं मंदसौर के साथ अलग-अलग जिले में विरोध हो रहा है। बता दें कि, इन दिनों मध्यप्रदेश के कई जिलों में किसान सड़कों पर है और हालात पर काबू करने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलनरत किसानों पर फायरिंग मामले के बाद भड़की हिंसा ने मोदी सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
लेकिन उसके बाद भी पीएम मोदी विदेश के दौरो में वयस्त है, तो वहीं दूसरी तरफ देश के कृषि मंत्री योग शिविर का उद्घाटन करने में मस्त हैं। राज्य में गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया। वहीं हालात काबू में ना होता देख मंदसौर के एसपी और कलक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया है।
गौरतलब है कि, गुरुवार (8 जून) को पीएम मोदी ने म्यांमार सैन्य विमान हादसे में लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि म्यांमार के सैन्य परिवहन विमान के दूर्घटना का शिकार होने की त्रासद घटना से बहुत दुखी हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत तलाश प्रयासों में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
इस पर कुछ ट्विटर यूजर्स ने पीएम मोदी को ही अपने निशाने पर ले लिया था। लेकिन अब वहीं पीएम मोदी के अस्ताना दौरे पर भी सोशल मीडिया यूजर्स उन पर निशाना साधने में पीछे नहीं है।
Sir desh ke kisan mar rahe hain aur aap bideshon me global GDP ki bat kar rahe hain..
— Noorigraphics (@NooriGraphics) June 8, 2017
https://twitter.com/iamsyed94/status/872758796329906176
भगवन यहाँ किसानों पर गोलिया चल रही है और आप है कि लैंड होने का नाम ही नही ले रहे है वक्त है सम्भलो नही तो ये आग राजस्थान में भी फैल सकती है
— Hemant Jakadi (@Jakadihk) June 8, 2017
Respected Sir,pl take rectification steps against the firing on our farmers who are our Meals Makers in the interest of the nation. Thanks
— Ravi kumar.D. (@MrrkAdv) June 8, 2017
Modi g Kisan mar rhe he.kuch kro
— Tarun Choudhary (@TarunCh42876764) June 8, 2017
जानिए क्या है यह पूरा मामला:
1 जून आंदोलन कर रहे हैं किसान: बता दें कि मध्यप्रदेश में किसानों ने गुरुवार(1 जून) को शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल अभी भी जारी है। किसानों ने पश्चिमी मध्य प्रदेश में अपनी तरह के पहले आंदोलन की शुरूआत करते हुए अनाज, दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति रोक दी है। सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ किसानों का आंदोलन 10 दिन तक चलेगा।
मंदसौर में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद: मंदसौर जिला कलेक्टर ने बताया कि हालात बेकाबू देख मंदसौर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
एक करोड़ मुआवजा: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने जान गंवाने वालों के परिजनों को एक करोड़ रुपये सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं, घायलों को 10-10 लाख रुपये और मुफ्त इलाज की बात कही है।
किसानों के साथ युद्ध कर रही है सरकार: मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन राजनीतिक और हिंसक रूप ले चुका है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा सरकार देश के किसानों के साथ ‘युद्ध’ जैसी स्थिति में है। भाजपा के ‘न्यू इंडिया’ में अपना हक मांगने पर अन्नदाताओं को गोली मिलती है।’
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिवराज सरकार को किसानों का हत्यारा बताते हुए जमकर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों की हत्यारी है। देश भर के किसान चुप नहीं रहेंगे, पूरा देश किसानों के साथ है।
किसानों की प्रमुख मांगे
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।
- किसानों को फसलों का उचित दाम मिले और समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए।
- आलू, प्याज सहित सभी प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
- आलू, प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्वंटल हो।
- बिजली की बढ़ी हुई दरें सरकार जल्द से जल्द वापस लें।
- आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
- मंडी शुल्क वापस लिया जाए।
- फसलीय कृषि कर्ज की सीमा 10 लाख रुपए की जाए।
- वसूली की समय-सीमा नवंबर और मई की जाए।
- किसानों की कर्ज माफी हो।
- मध्यप्रदेश में दूध उत्पादक किसानों को 52 रुपये प्रति लीटर दूध का भाव तय हो।