नोटबंदी के बाद लगातार गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के कारण विपक्ष के साथ-साथ अपनों के भी निशाने पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार(4 अक्टूबर) को पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए सभी मुद्दों पर सिलसिलेवार जवाब दिया। राजधानी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार (कांग्रेस) के 6 साल में 8 बार ऐसे मौके आए जब भारत की विकास दर 5.7 फीसदी या उससे नीचे गिरी थी।राजधानी में द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली ईयर समारोह के दौरान संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इकोनॉमी ने ऐसा वक्त भी देखा जब विकास दर 0.2 प्रतिशत तक गिरी थी। मोदी ने कहा कि पुरानी बातों को भूलिए मत। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने बीजेपी के पुराने दिग्गज अरुण शौरी और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा अर्थव्यवस्था की ‘‘बदहाली’’ पर उठाए गए सवालों पर पलटवार किया है। हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी नाम नहीं लिया।
During 6 years of the previous government there were 8 instances when GDP was at or below 5.7 %: PM Modi in Delhi pic.twitter.com/WwZ8JThFyw
— ANI (@ANI) October 4, 2017
पीएम मोदी ने कहा कि ये बात सही है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 7.5 प्रतिशत की औसत से विकास हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। मेरे जैसे अर्थशास्त्र के कम जानकार को अब भी ये समझ नहीं आता कि उस समय बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों के रहते ऐसा कैसे हो गया था।
पीएम मोदी ने कहा कि GDP में एक तिमाही की गिरावट लोगों को बहुत ज्यादा लग रही है। उन्होंने कहा कि क्या पहली बार विकास दर 5.7 प्रतिशत हुई है? पुरानी बातें न भूलें। मोदी ने कहा कि लोगों ने GDP के तरीकों पर भी सवाल उठाए, 5 साल से GDP तय करने का एक ही तरीका था जिसे बदला गया, मैंने कभी अर्थशास्त्री होने का दावा नहीं किया।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विदेशी निवेशक देश में रिकॉर्ड तौर पर निवेश कर रहे हैं, लेकिन विरोधियों को डाटा जब अनुकूल नहीं लगता तो संस्था और सरकार पर सवाल उठाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि कौरवों और पांडवों को एक ही शिक्षा मिली लेकिन दोनों के विचारों में अंतर था।
पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को भ्रष्टाचार मुक्ति का पर्व बताते हुए कहा कि कई वर्षों से लटका जीएसटी को हमने लागू किया, नोटबंदी लागू करने की हिम्मत भी इस सरकार ने दिखाई। उन्होंने कहा कि लोग अपनी भावनाओं से विकास को देख रहे हैं।
मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के आखिरी तीन सालों में काम की रफ्तार और हमारी सरकार के तीन सालों में काम की रफ्तार का फर्क आपको साफ नजर आएगा। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े रिफॉर्म किए गए हैं। कितने ही सेक्टरों में निवेश के नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं।