निर्देशक संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर देश में जारी विरोध के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार (15 नवंबर) को केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए आगामी एक दिसंबर को इस फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा।न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार गृह विभाग ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को खत लिखकर बताया है कि ‘पद्मावती’ फिल्म की कथावस्तु एवं ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने को लेकर व्याप्त जनाक्रोश एवं इसके सार्वजनिक चित्रण से शान्ति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। विभिन्न संगठन फिल्म के प्रदर्शित होने पर सिनेमाघरों में तोड़फोड़, आगजनी की चेतावनी दे रहे हैं।
ऐसे में मंत्रालय से अनुरोध है कि वह इस बारे में सेंसर बोर्ड को बताए, जिससे फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय लेते समय बोर्ड के सदस्य जनभावनाओं को जानते हुए विधि अनुसार निर्णय ले सकें। पत्र में कहा गया है कि चूंकि प्रदेश में इस वक्त नगरीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। वोटों की गिनती एक दिसंबर को होगी।
अगले दिन बारावफात का पर्व भी होना संभावित है, जिसमें पारंपरिक रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा व्यापक रूप से जुलूस निकाले जाते हैं। ऐसे में अगर फिल्म के खिलाफ कोई प्रदर्शन होने पर प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अशान्ति तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में आगामी एक दिसम्बर को फिल्म का रिलीज होना शान्ति व्यवस्था के हित में नहीं होगा।
गृह विभाग ने अपने पत्र में यह उल्लेख भी किया है कि पद्मावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसको न्यायालय द्वारा इस टिप्पणी के साथ नहीं सुना गया कि इसके लिए राहत का वैकल्पिक पटल उपलब्ध है। यानी इस फिल्म के संबंध सम्बन्धित पक्ष द्वारा सेंसर बोर्ड के समक्ष आपाियां उठायी जा सकती हैं।