पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। एक ओर आम जनता लगातार हो रही वृद्धि से परेशान है, तो दूसरा ओर विपक्ष भी सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस वृद्धि को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और पिछले दिनों 10 सितंबर को भारत बंद भी किया था, जिसका देश भर में व्यापक असर भी देखने को मिला था।
इस बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है। मोदी सरकार में मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से उन्हें कोई परेशानी नहीं हैं, क्योंकि वह एक मंत्री हैं। इसलिए उन्हें यह मुफ्त में मिलता है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सरकार तेल की कीमतों पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आठवले ने राज्यों को भी नसीहत दी कि वे भी तेल की कीमतों को काबू करने में मदद करें। एक समीक्षा बैठक में भाग लेने जयपुर पहुंचे आठवले से जब पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को होने वाली परेशानी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘मैं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से परेशान नहीं हूं क्योंकि मैं मंत्री हूं। मुझे तो फोकट में पेट्रोल-डीजल मिलता है। मेरा मंत्री पद जाएगा तो मैं परेशान हो जाऊंगा लेकिन जनता परेशान है। इसे समझ सकते हैं और कीमतें कम करने का दायित्व सरकार का है।’
Outrageous: Modiji's union min says "he is not hit by the rising fuel prices as he is a minister & gets fuel for free".
Mantriji, just to remind you the money paid for those free fuel are the taxes we pay. Apologise publicly if you have any shame left. #JantaTrastMantriMast pic.twitter.com/YqL0Jql8gM
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) September 16, 2018
उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के बढ़ते भावों पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है लेकिन राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘अगर पेट्रोल डीजल के भाव कम करने हैं तो राज्यों को भी इसके लिए कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इसमें राज्य सरकार के भी टैक्स होते हैं और केंद्र के भी। इन्हें कम करने पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घट सकती हैं।’