देश की शीर्ष जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के भीतर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
एम नागेश्वर राव को सीबीआई के अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जरिए कॉमन कॉज NGO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राव की नियुक्ति को चुनौती दी है। आपको बता दें कि आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद सीबीआई का प्रभार अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा ने शुक्रवार को सेवा से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने गुरूवार को उन्हें सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्रशासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था।
NGO Common Cause through senior advocate Prashant Bhushan approaches Supreme Court against M Nageswara Rao’s appointment as interim director of the Central Bureau of Investigation (CBI). pic.twitter.com/EYgCKtS55D
— ANI (@ANI) January 14, 2019
सीबीआई निदेशक के पद पर वर्मा का दो वर्षों का कार्यकाल आगामी 31 जनवरी को पूरा होने वाला था। लेकिन इससे 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी की समिति ने 2-1 के बहुमत से वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला किया। मोदी और न्यायमूर्ति सीकरी वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने के पक्ष में थे जबकि खड़गे ने इसका विरोध किया।