पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ‘पुलिसवाले की पैंट गीली’ होने संबंधी कथित टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। वहीं, पुलिस के दो अधिकारियों ने इसे शर्मनाक करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने भी कथित टिप्पणी को लेकर सिद्धू की आलोचना की। वहीं, चंडीगढ़ के एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें मानहानि का नोटिस भी भेज दिया।
चंडीगढ़ के पुलिस उपाधीक्षक दिलशेर सिंह चंदेल ने कहा, ‘मैंने पुलिस को अपमानित करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है।’ एक उपनिरीक्षक ने बयान की निंदा करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया। लुधियाना से कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू तक ने पुलिसकर्मियों की तरफदारी की और कोविड-19 के वक्त में तथा उग्रवाद के दौरान उनकी भूमिका की प्रशंसा की।
दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब सिद्धू ने हाल ही में सुल्तानपुर लोधी में एक रैली में विधायक नवतेज सिंह चीमा की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह ‘थानेदार (पुलिस वाले) की पैंट गीली करा सकते हैं।” उन्होंने रविवार को बटाला में एक रैली के दौरान यह बात दोहराई जब स्थानीय नेता अश्विनी सेखरी उनके साथ खड़े थे।
जब पत्रकारों ने उनकी टिप्पणी के बारे में पूछा, तो सिद्धू ने कहा कि इसे शाब्दिक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए। सिद्धू की टिप्पणी करते हुए एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिस पर कुछ पुलिस अधिकारियों और नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह दुखद है कि पुलिस का अपमान किया जा रहा है। सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि अपने पुलिसकर्मियों का अपमान देखकर दुख हुआ। पंजाब पुलिस के 1700 जवानों ने राज्य को काले दिनों से बाहर निकालने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और अब पंजाब कांग्रेस और उनके अध्यक्ष द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि किसी नेता को सम्मान पाने के लिए सम्मान देना चाहिए।
शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने सिद्धू की टिप्पणी पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया। चंदेल ने सिद्धू की टिप्पणी को ‘शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत शर्मनाक है कि ऐसा वरिष्ठ नेता अपने बल के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल करता है और उन्हें अपमानित करता है।’
उन्होंने वीडियो संदेश में कहा, “यह वही बल है जो उन्हें (सिद्धू) और उनके परिवार की सुरक्षा करता है।” उन्होंने सिद्धू को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों को वापस करने की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, ‘(सुरक्षा) बल के बिना, एक रिक्शा चालक भी उनकी बात नहीं सुनेगा।’ चंदेल ने कहा, ‘मैं इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं और उन्हें (सिद्धू) अपने बल के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बल की अपनी गरिमा और सम्मान है और इस गरिमा को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।’
जालंधर ग्रामीण में तैनात पंजाब पुलिस के उपनिरीक्षक बलबीर सिंह ने भी सिद्धू की टिप्पणी की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘एक वरिष्ठ नेता ने हमारे खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’ उन्होंने पंजाब के डीजीपी से भी अनुरोध किया कि पुलिस की छवि खराब न होने दें।
चंडीगढ़ डीएसपी और पंजाब पुलिस सब-इंस्पेक्टर के वीडियो पर टिप्पणी करते हुए, लुधियाना के सांसद बिट्टू ने राज्य से आतंकवाद को खत्म करने में पंजाब पुलिस की भूमिका की प्रशंसा की। (इंपुट: भाषा के साथ)
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