मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: जांच अधिकारी के तलाबले पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नागेश्वर राव ने बिना शर्त मांगी माफी, गलती स्वीकारी

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बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के जांच अधिकारी का तबादला करने के मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। राव ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि गलती हो गई, लेकिन कोर्ट की अवहेलना की मंशा नही थी। बता दें कि राव को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि आपने शीर्ष अदालत के आदेश के साथ खिलवाड़ किया। राव ने सोमवार को  हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी। बता दें कि सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक राव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में जांच अधिकारी को कोर्ट की अनुमति के बिना ट्रांसफर कर दिया था।

नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि सीबीआई का अंतरिम प्रमुख रहते हुए जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला करके उन्होंने गलती की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी है। शर्मा बिहार के मुजफ्फरनगर में बालिका गृह मामले की जांच कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में राव ने माफी मांगते हुए कहा, शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।

उन्होंने कहा कि मैं गंभीरता से अपनी गलती महसूस करता हूं और बिना शर्त माफी मांगने के दौरान मैं विशेष रूप से कहता हूं कि मैंने जानबूझकर इस अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया। क्योंकि मैं सपने में भी इस अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच नहीं सकता। न्यायालय ने उसके आदेश का उल्लंघन करते हुए शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला करने के लिए सात फरवरी को सीबीआई को फटकार लगाई थी और राव को 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होने को कहा था।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई की बेंच ने फटकार लगाते हुए सात फरवरी को कहा था कि पहली नजर में यही लग रहा है कि नागेश्वर राव ने सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का ट्रांसफर कर कोर्ट की अवमानना की है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ट्रांसफर आदेश जारी करने से पहले राव को कोर्ट से सहमति लेनी चाहिए थी। बता दें कि नागेश्वर राव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे अधिकारी एके शर्मा का पिछले दिनों ट्रांसफर कर दिया था। जबकि कोर्ट ने आदेश दिया था कि उस मामले से जुड़े अधिकारियों की यथास्थिति बनाए रखें।

सीजेआई गोगोई ने सीबीआई के वकील से कहा कि आपने कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है। अब भगवान ही आपकी मदद करें। सीबीआई के वकील ने बताया कि राव सहित दो अधिकारी एके शर्मा के तबादले में शामिल थे। इसके बाद जस्टिस गोगोई ने कहा, “हम इसे काफी गंभीरता से लेने जा रहे हैं। आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खेला है। भगवान आपकी मदद करें। कभी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से न खेलें।”

न्यायालय ने सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को अवमानना का नोटिस भेजा था और 12 फरवरी को अपने समक्ष पेश होने को कहा था। जिसके बाद नागेश्वर राव मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए।

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