मोदी सरकार ने क्रिसमस के दिन मदर टेरेसा चैरिटी के विदेशी फंड की मंजूरी को खारिज करने की पुष्टि की, ‘प्रतिकूल इनपुट’ का दिया हवाला

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को कहा कि विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को ‘प्रतिकूल इनपुट’ का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। सरकार ने यह निर्दिष्ट नहीं किया है कि वे ‘प्रतिकूल इनपुट’ क्या थे।

मदर टेरेसा

अमित शाह की अध्यक्षता वाले गृह मंत्रालय ने एक बयान में यह भी बताया कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी खाते से लेनदेन को नहीं रोका है, बल्कि भारतीय स्टेट बैंक ने सूचित किया है कि संस्था ने खुद बैंक को खातों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। गृह मंत्रालय के इस बयान से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने क्रिसमस के दिन मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था के सभी बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है।

मंत्रालय ने कहा कि एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन को एफसीआरए 2010 और विदेशी अभिदाय विनियमन नियम (एफसीआरआर) 2011 के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए 25 दिसंबर को खारिज कर दिया था।

गृह मंत्रालय बयान के अनुसार, ‘‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी से नवीनीकरण आवेदन को खारिज करने के फैसले की समीक्षा के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है।” FCRA के तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी का पंजीकरण 31 अक्टूबर, 2021 तक वैध था। गृह मंत्रालय ने कहा कि वैधता को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाया गया था।

बयान में कहा गया, ‘‘हालांकि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के नवीनीकरण आवेदन पर विचार करते हुए कुछ प्रतिकूल जानकारियां देखी गयीं। इन्हें देखते हुए आवेदन को खारिज कर दिया गया।” उसने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण 31 दिसंबर, 2021 तक वैध था और मंत्रालय ने उसके किसी बैंक खाते पर रोक नहीं लगाई है।

बता दें कि, गृह मंत्रालय के बयान से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था, ‘‘क्रिसमस पर यह बात सुनकर स्तब्ध हूं कि केंद्र सरकार ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों से लेन-देन को रोक दिया है। उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाएं नहीं मिल पा रहीं।” ममता ने कहा, ‘‘कानून सर्वोपरि है, लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं होना चाहिए।”

इस बीच, मिशनरीज ऑफ चैरिटीज के एक बयान ने इसके बैंक खातों की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा, हम अपने शुभचिंतकों की चिंता की सराहना करते हैं और क्रिसमस और नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण न तो निलंबित किया गया है और न ही रद्द किया गया है।

ब्यान में आगे कहा गया, “इसके अलावा, हमारे किसी भी बैंक खाते पर गृह मंत्रालय द्वारा कोई फ्रीज का आदेश नहीं दिया गया है। हमें सूचित किया गया है कि हमारे एफसीआरए नवीनीकरण आवेदन को स्वीकृत नहीं किया गया है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में कि कोई चूक न हो, हमने अपने केंद्रों से कहा है कि जब तक मामला सुलझ न जाए, तब तक वे किसी भी एफसी खाते का संचालन न करें।”

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बयान को जारी करने के लिए चैरिटी पर दबाव डाला था। गौरतलब है कि, मिशनरीज ऑफ चैरिटी एक कैथोलिक धार्मिक संस्था, है जिसकी स्थापना मदर टेरेसा ने 1950 में की थी। (इंपुट: भाषा के साथ)

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