मालेगांव ब्लास्ट केस: कर्नल पुरोहित को मिली जमानत पर विपक्ष ने उठाए सवाल

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सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2008 में मालेगांव में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को सोमवार(21 अगस्त) को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे की पीठ ने बंबई हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए यह फैसला सुनाया। बता दें कि हाईकोर्ट ने पुरोहित को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

Mumbai Mirror, File Photo- Deepak Turbhekar

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने पुरोहित को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। पुरोहित ने 17 अगस्त को शीर्ष अदालत को बताया था कि वह ‘‘राजनीतिक खेल’’ में फंस गये हैं और नौ वर्षों से जेल में बंद हैं। पुरोहित ने उन्हें जमानत नहीं देने के बंबई हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए बम विस्फोट में सात लोग मारे गये थे। विशेष मकोका अदालत ने पहले फैसला दिया था कि एटीएस ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पुरोहित और नौ अन्य लोगों के खिलाफ गलत तरीके से मकोका कानून लगाया है।

चार हजार पन्नों के आरोपपत्र में यह आरोप लगाया गया है कि मालेगांव को मुसलमान बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण विस्फोट के लिए चुना गया था। इसमें साजिश करने वालों के रूप में प्रज्ञा, पुरोहित और सह-आरोपी के रूप में स्वामी दयानंद पांडेय का नाम था। हालांकि, प्रज्ञा ठाकुर को एनआईए ने पिछले वर्ष क्लीनचिट दे दी।

जमानत पर विपक्ष ने उठाए सवाल

कर्नल पुरोहित को जमानत मिलने के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के शासनकाल में एक-एक कर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े आरोपियों को क्लीनचिट दी जा रही है। हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस पर कथित ‘हिंदू आतंकवाद’ के नाम पर साजिश कर बेगुनाहों को फंसाने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय ने बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधा है। उन्होंने पुरोहित को जमानत मिलने पर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया है, ‘कर्नल पुरोहित को जमानत…इसी की उम्मीद थी, क्योंकि BJP सरकार बम धमाकों में RSS से जुड़े सभी आरोपियों को बचा रही है।’

दिग्विजय सिंह ने अगले ट्वीट में लिखा कि एनआईए चीफ को दो बार एक्सटेंशन इसी वजह से दिया जा रहा था। कांग्रेस नेता ने कहा है कि रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें इनाम मिल सकता है।

वहीं, एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी पुरोहित को मिले जमानत पर नाखुशी जाहिर की है। ओवैसी ने कहा है कि मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल पुरोहित के खिलाफ पूरे साक्ष्य हैं। ओवैसी ने कहा कि जनवरी 2009 में एटीएस ने जो चार्जशीट फाइल की थी उसमें सारे सबूतों का जिक्र था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि एटीएस चार्जशीट के हवाले से ओवैसी ने कहा कि ब्लास्ट के लिए चार बैठकें आयोजित की गई थीं और उन सबमें कर्नल पुरोहित मौजूद थे। ओवैसी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 में जबसे मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं आप ऐसे केसों का एक पैटर्न देख सकते हैं जिनमें हिंदू संगठनों से जुड़े आरोपियों को राहत मिली है।

NBT के मुताबिक, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि एनआईए की विश्वसनियता सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा कि एनआईएन ने जिनपर केस दर्ज कराया, आज उन्हीं को जमानत मिल रही है। येचुरी ने राजनाथ सिंह के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने आतंक के खिलाफ एनआईए की कार्रवाईयों की तारीफ की थी।

BJP का पलटवार

वहीं, बीजेपी ने कर्नल पुरोहित की जमानत के बाद कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने पर पलटवार करते हुए हमला बोला है।पुरोहित की जमानत पर बीजेपी साक्षी महाराज का कहना है कि एक युग आया था, जब आतंकवाद की धारा को मोड़ने का दुस्साहस किया गया था। उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद का प्रतीक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से केवल भारतीय संस्कृति संत समाज को बदनाम करने के लिए यूपीए सरकार ने एक शब्द ‘भगवा आतंकवाद’ दिया था।

वहीं, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही फैसला किया है। बीजेपी ने कर्नल पुरोहित की जमानत के बाद कांग्रेस पर हमला बोल दिया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हिंदू आतंकवाद जैसे शब्द का गठन किया था। लेकिन आज कांग्रेस की साजिश बेनकाब हो गई है।

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