केजरीवाल सरकार को मंत्रिमंडल में दो नए मंत्री शामिल करने के फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने का अभी तक इंतजार है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गत 6 मई को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुये पानी मामलों के मंत्री कपिल मिश्रा को हटाकर आम आदमी पार्टी(आप) के विधायक राजेन्द्र पाल गौतम और कैलाश गहलोत को मंत्री बनाने की सिफारिश उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेज दी थी।केन्द्र शासित राज्य होने के कारण दिल्ली सरकार में नियुक्ति संबंधी प्रत्येक फैसले पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी लेने की कानूनी अनिवार्यता को देखते हुये मंत्रियों को पिछले नौ दिनों से शपथ ग्रहण का इंतजार है। इस बीच मंत्रालय से मंजूरी मिलने में हो रही देरी ने केजरीवाल सरकार की नाराजगी बढ़ा दी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में दो नए मंत्रियों की फाइल मंजूरी के लिए केंद्र सरकार 10 दिनों से लेकर बैठी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार में कई काम रुके हैं। आपकी(मोदी) हमसे दुश्मनी है, लेकिन इसका बदला दिल्ली की जनता से तो मत लो।
दो मंत्रियों की फ़ाइल पर केंद्र 10 दिनों से बैठा है। दिल्ली सरकार में कई काम रुके हैं। आपकी हमसे दुश्मनी है, दिल्ली की जनता से तो बदला मत लो
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 16, 2017
इसके अलावा केजरीवाल ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ट्वीट को रिट्वीट किया है जिसमें सिसोदिया ने लिखा है कि दिल्ली में 2 नए मंत्री की मंजूरी की फाइल 10 दिन से केंद्र सरकार लेकर बैठी है। अब तो कपिल मिश्रा का धरना और मीडिया की नौटंकी खत्म हो गई, अब तो कर दो।
दिल्ली में 2 नए मंत्री की मंजूरी की फाइल 10 दिन से केंद्र सरकार लेकर बैठी है।अब तो कपिल का धरना और मीडिया की नौटंकी खत्म हो गई, अब तो कर दो।
— Manish Sisodia (@msisodia) May 16, 2017
बता दें कि आमतौर पर किसी ट्वीट को रिट्वीट करने का मतलब यही होता है कि रिट्वीट करने वाला व्यक्ति उसके बात से सहमत है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहन का कहना है कि मंत्रियों की शपथ नहीं हो पाने का कारण सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल ने अपने पास कोई मंत्रालय नहीं रखा है। इसलिए सरकार में फिलहाल सिर्फ चार मंत्री कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि छह मई को केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दोनों मंत्रियों की नियुक्ति के फैसले को मंजूरी देते हुए इसकी फाइल तुरंत राजनिवास और गृह मंत्रालय को भेज दी थी। मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ही उपराज्यपाल शपथ ग्रहण का समय दे सकेंगे।
लेकिन फाइल अब तक मंत्रालय में अटकी पड़ी है। अधिकारी के मुताबिक तपिश भरी गर्मी में जलसंकट से जुड़ी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं और ऐसे में संबद्ध मंत्री नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा असर पानी मामलों के विभाग के कामकाज पर पड़ रहा है।
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