सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार एक्शन मोड में है। केजरीवाल सरकार ने घर-घर तक राशन पहुंचाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को शुक्रवार (6 जुलाई) को मंजूरी दे ही है। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट इसकी जानकारी दी है। केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि राशन को घर-घर तक पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

दिल्ली सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव की सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को राशन को घर-घर तक पहुंचाने संबंधित योजना को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मंजूरी दे दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने विभाग को इस योजना के संबंध में रोजाना जानकारी देने का भी आदेश दिया है।
Approved Doorstep Delivery of Rations. Over ruled all objections to the proposal. Directed Food Dept to start its implementation immediately.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 6, 2018
इस योजना के तहत दिल्ली के गरीब लोगों को राशन अब घर पर ही मिलेगा। इस योजना का मुख्य उदेश्य राशन की चोरी को रोकना है। इस योजना को दिल्ली कैबिनेट काफी पहले पास कर चुका है। केजरीवाल सरकार का दावा है कि इस योजना के शुरू होने से अब दिल्ली के लोगों को दाल, चावल, गेहूं, आटा, नमक, एवं मिट्टी का तेल और सारसों का तेल अब घर पर ही पहुंचा दिया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से अब लोगों को उचित मूल्य के दुकानों के बाहर लाइन लगा कर खड़े होने के जरूरत नहीं होगी।
आपको बता दें कि इस योजना को लेकर भी एलजी और दिल्ली सरकार के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा था। जिन तीन मांगों को लेकर टीम केजरीवाल ने एलजी के घर पर धरना दिया था उनमें ये योजना भी शामिल थी। केजरीवाल सरकार लंबे समय से इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के प्रयास में जुटी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि केजरीवाल सरकार की कई योजनाएं रफ्तार पकड़ सकती हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला दिया कि उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की सलाह मानने को बाध्य है और वह बाधा डालने वाले नहीं हो सकते। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल ‘‘विघ्नकारक’’ के रूप में काम नहीं कर सकते। संविधान पीठ ने तीन अलग-अलग लेकिन सहमति के फैसले में कहा कि उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।