उत्तर प्रदेश के कारोबारी पीयूष जैन को कथित तौर पर माल और सेवा कर (जीएसटी) के अधिकारियों द्वारा कानपुर में कई स्थानों पर छापेमारी में करीब 200 करोड़ रुपये के बरामद करने के एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया है। जीएसटी इंटेलिजेंस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि, आयकर विभाग ने शुक्रवार को कानपुर में व्यवसायी पीयूष जैन के आवास पर कर छापेमारी में करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की थी। इसके बाद टीम ने पीयूष जैन के कन्नौज के ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू की तो घरों से नोटों की बंडल निकले शुरू हो गए। इसके बाद डीजीजीआई की टीम कानपुर स्थित मकान पर पहुंच गई। यहां टीम ने जब सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो अलमारियों में नोटों के बंडल भरे मिले। टीम को नोट गिनने के लिए मशीने मंगानी पड़ीं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीयूष जैन के घर में अभी और कैश और सोना-चांदी छिपा हो सकता है। कारोबारी के घर से इतनी बड़ी मात्रा में कैश और सोना मिला राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं, इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा समेत कई दलों के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश में जीएसटी की छापेमारी में पहली बार इतनी बड़ी दौलत मिली थी, जिसे देखकर अधिकारी भी भौंचक रह गए थे। इन नोटों की गिनती के लिए करेंसी काउंटिंग मशीनें मंगाई गई थीं। नोटों को बक्से में भरकर रखा गया और उन्हें फिर सील करने की कवायद पिछले कुछ दिनों से चल रही थी। ये केस जीएसटी चोरी और अघोषित संपत्ति से भी जुड़ा है।
इस छापेमारी के बाद से सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच वाकयुद्ध शुरू कर दिया था, दोनों ने एक-दूसरे पर जैन के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था। कानपुर के ज्यादातर पान मसाला मैन्युफैक्चर्स पीयूष जैन से ही पान मसाला कम्पाउंड खरीदती हैं।
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