सोशल मीडिया: ‘नई नौकरियां पैदा होने से ज्यादा रफ्तार से पुरानी नौकरियां खत्म हो रही हैं’

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16वीं लोकसभा के लिए वर्ष 2014 में हुए आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की अगुवाई वाली नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) को प्रचंड बहुमत मिला था। लोकसभा चुनावों के नतीजे 16 मई 2014 को आए थे। 26 मई 2017 को मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। 26 मई को ही नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।

फाइल फोटो।

चुनाव जीतने के तीन साल बाद बीजेपी और केंद्र सरकार का दावा है कि उसने अभूतपूर्व काम किया है। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन सलाना एक लाख 35 हजार नौकरी भी नहीं पैदा कर पा रही है।

तीन साल पूरे होने के मौके पर नागरिक जुड़ाव मंच लोकल सर्किल्स ने एक सर्वेक्षण किया है। जिसमें लोगों ने बताया है कि केंद्र सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन शायद इसका असर अब आम लोगों के ऊपर नहीं हुआ है।जब लोगों से यह सवाल पूछा गया क्या भारत में बेरोजगारी दर कम हुई है तो 63 प्रतिशत लोगों ने कहा बेरोजगारी दर में कोई कमी नहीं आई है, जबकि 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है। इस सर्वे में 40 हजार से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और 20 हजार से भी अधिक वोट डाले गए।

बता दें कि मोदी सरकार के आने के बाद नई नौकरियां देने के वादे किए गए थे। नई नौकरी पैदा करने की बात कही गई थी, लेकिन देश के आईटी सेक्टर में तो नौकरियों पर ही तलवार लटकी है। अंग्रेजी अखबार मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में काम कर रहीं सात बड़ी आईटी कंपनियां भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की तौयारी कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंपनियां अपने 56,000 इंजीनियरों को बाहर करने की योजना बना रही हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल कंपनियों में छटनी के माध्यम से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हो गई है। अखबार के मुताबिक इन सात बड़ी कंपनियों में काम कर चुके और काम कर रहे 22 बड़े अधिकारियों के इंटरव्यू के बाद यह संख्या निकलकर आई है।

इन कंपनियों में इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, यूएस बेस्ड कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन, डीएक्ससी टेक्नोलॉजी और फ्रांस बेस्ड कैप जैमिनि कंपनी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा सूत्रों की मानें तो आईबीएम इंडिया भी अगली कुछ तिमाही में करीब पांच हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है।

हालांकि, मंगलवार(16 मई) को भारत सरकार की ओर से आईटी सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बताया था कि आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की छंटनी की खबर अफवाह है और आईटी सेक्टर 8 से 9 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रहा है, ऐसे में कर्मचारियों की छंटनी का सवाल ही नहीं उठता।

सोशल मीडिया पर भी इन खबरों को लेकर काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि केंद्र की बीजेपी सरकार भले ही तीन साल की उपलब्धियों का बखान करने जा रही हो, लेकिन हजारों ऐसे भारतीय आईटी पेशेवर हैं जिन पर अब बेरोजगारी का संकट छा गया है।

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