केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए एक दिन का वेतन देंगे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सभी शिक्षक

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केरल में तेज बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा रखी है। कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भर जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। वहां हालात बेहद खराब हो गए हैं। भारी बारिश और बाढ़ के चलते अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य से बाढ़ की खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं। एनडीआरएफ के अलावा, सेना की तीनों फोर्सेज राहत-बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।

(AP Photo)

इस मुश्किल समय में भारत के सभी राज्यों सहित दुनिया भर के लोग केरल के लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।केरल में भयावह बाढ़ से हुए जानमाल के भारी नुकसान को देखते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अध्यापकों ने बाढ़ से पीड़ित लोगों की राहत में योगदान के लिए अपना एक दिन का वेतन देने का सोमवार (20 अगस्त) को फैसला लिया।

जामिया टीचर्स एसोसिएशन (जेटीए) की कार्यकारिणी की आपात बैठक में राज्य में बाढ़ से मारे गए और विस्थापित हुए लोगों के प्रति सहानुभूति जताते हुए अध्यापकों के एक दिन का वेतन केरल के मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया गया। जेटीए की बैठक में कहा गया कि संकट की इस घड़ी में जामिया मिल्लिया के अध्यापक केरल के लोगों के साथ है।

बैठक में कहा गया कि राज्य की जनता इस समय गंभीर संकट से गुजर रही है और जामिया उन्हें अपना नैतिक समर्थन देते हुए उनके जल्द इससे उबरने की कामना करती है। गौरतलब है कि जामिया में ढाई सौ से ज्यादा छात्र केरल के हैं। यह छात्र भी बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। छात्र भी अब तक कई लाख रुपये और राहत सामग्री भी जमा कर चुके हैं।

बता दें कि ऐसी मुश्किल घड़ी में केरल की तरफ देश के आम से लेकर खास लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। राज्य को केंद्र सरकार से जहां 500 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिली है। वहीं कई राज्य सरकारों ने भी केरल की मदद के लिए राशि देने की घोषणा की है। केरल में बारिश और बाढ़ ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। राज्य के कई हिस्से पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।

अब तक 370 लोगों की जान जा चुकी है और दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। इन लोगों ने 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में शरण ले रखी है। मूसलाधार बारिश और बाढ़ के चलते कोच्चि एयरपोर्ट तक में पानी भर गया है, जिसके चलते विमानों का संचालन पूरी तरह से रोक दिया गया है। ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाएं ठप हो गई हैं।

 

 

 

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