इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार(24 मई) को पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाने के बाद इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में शरण लेने वाली भारतीय महिला उजमा को भारत लौटने की अनुमति दे दी। उजमा की शादी पाकिस्तान के एक शख्स ताहिर से हुई थी। उजमा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने बंदूक का डर दिखाकर उसे शादी करने के लिए ‘मजबूर’ किया।न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी उजमा और अली की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। उजमा ने अनुरोध किया था कि उसे भारत भेजा जाए, जबकि अली ने कहा था कि उसे अपनी पत्नी से मिलने दिया जाए। पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ की खबर के मुताबिक, हाई कोर्ट ने नई दिल्ली की रहने वाली उजमा को आश्वासन दिया कि वह किसी भी समय भारत लौटने के लिए स्वतंत्र हैं और उसे पुलिस सुरक्षा के साथ वाघा बार्डर पर भेजा जाएगा।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उजमा से पूछा कि क्या वह अपने पति से बात करना चाहती है, लेकिन उसने इनकार कर दिया। उसने आरोप लगाया कि उसके यात्रा दस्तावेज अली ने चुरा लिए थे। उजमा ने 12 मई को अदालत में याचिका दायर की थी और एक मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उसने दिखाया था कि उसकी बेटी थलीसीमिया से पीड़ित है और उसे तुरंत भारत भेजे जाने की जरुरत है।
खबरों के अनुसार, उजमा मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी और उन दोनों को प्यार हो गया था, जिसके बाद वह वाघा बार्डर के रास्ते से एक मई को पाकिस्तान गई। दोनों ने तीन मई को निकाह किया था। जिसके बाद उजमा ने आरोप लगाया था कि उसे बंदूक की नोंक पर जबरन शादी करने के लिए मजबूर किया गया था।


















