बाबा रामदेव को एक और झटका, साबुन के बाद अब पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर भी कोर्ट ने लगाई रोक

0

योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि को कोर्ट से एक और करारा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने साबुन के बाद अब पतंजलि के च्यवनप्राश के विज्ञापन पर भी रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को च्यवनप्राश के विज्ञापन को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोक दिया है। यह कार्रवाई प्रतिद्वंद्वी डाबर की उस शिकायत पर की गई है, जिसमें उसने कहा था कि पतंजलि के विज्ञापन में उसके ब्रैंड को नीचा करके दिखाया जा रहा है।

(Reuters File)

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर ने अंतरिम आदेश में पतंजलि को 26 सितंबर तक किसी भी माध्यम से च्यवनप्राश का विज्ञापन न करने को कहा है। 26 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ‘प्रथम दृष्टया हम मानते हैं कि इस मामले में अंतरिम संरक्षण जरूरी है।

बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद को डाबर इंडिया की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। पतंजलि के विज्ञापन पर रोक के आलावा डाबर ने पतंजलि से 2.01 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग भी की है। इससे पहले सिंगल बेंच ने पतंजलि के विज्ञापन पर रोक लगाने से इनकार कर दिय था। इसके बाद उन्होंने डबल बेंच के सामने याचिका दायर की।

रामदेव को दूसरा झटका

बता दें कि बाबा रामदेव को कोर्ट से यह दूसरा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने डिटॉल बनाने वाली कंपनी रैकिट बेनकीजर की शिकायत पर पतंजलि के साबुन के विज्ञापन पर भी रोक लगा दी है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि बाबा रामदेव की कंपनी का यह विज्ञापन रैकिट के डेटॉल ब्रैंड की छवि खराब करता है। इससे पहले HUL भी इस विज्ञापन पर रोक लगवा चुका है। तब बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाई थी।

रैकिट बेनकीजर के मुताबिक, विज्ञापन में ऐसे साबुन को दिखाया गया है, जो शेप, साइज और कलर में उसके उत्पाद जैसा है। साथ ही, इसे ‘ढिटॉल’ बताया गया है। रैकिट की वकील नैन्सी रॉय ने बताया कि अदालत ने इस विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगा दी है। रॉय ने बताया कि पतंजलि ने शुरू में इस विज्ञापन को यूट्यूब को अपलोड किया और इसके बाद आयुर्वेद कंपनी ने रविवार को इस कमर्शल का प्रसारण किया। पतंजलि ने इस सिलसिले में भेजी गई ईमेल का जवाब नहीं दिया है।

Previous articleUGC writes to universities, want Modi’s 11 September speech broadcast to students for ‘life changing’ experience
Next articleMassive crackdown at Dera, media not allowed to enter