उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में शनिवार को सीबीआई जांच की सिफारिश की। दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाथरस पहुंचकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि वे न्याय के लिए लड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस मामले की सीबीआई जांच के फैसले के बारे में जानकारी दी। कार्यालय के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने पूरे हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। उलेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शनिवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी हितेष चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पीडिता के परिवार से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया। इससे पहले, हाथरस प्रशासन के एक हाथरस प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया था कि इस मामले की जांच करने के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी आरंभिक जांच का काम पूरा कर लिया है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हाथरस के लिए निकलने के समय दिल्ली-उप्र सीमा पर भारी हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई तथा पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। कांग्रेस का दावा है कि पुलिस की लाठी जार्च में उसके कई कार्यकर्ता घायल हो गए। कांग्रेस कार्यकताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक के बाद राहुल गांधी समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी। इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी के कुछ अन्य नेता रवाना हुए। उधर, प्रशासन ने दो दिनों के गतिरोध के बाद बाद हाथरस स्थित पीड़िता के गांव के बाहर लगे अवरोधकों को हटा दिया और मीडिया को जाने की अनुमति दी।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को नाटकीय तरीके से गुरुवार को हिरासत में ले लिया गया था, वे अब दूसरी बार पीड़ित परिवार से मिलने के लिए हाथरस गए थे। परिवार से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि परिवार के साथ अन्याय हुआ है और इस परिवार की आवाज कोई दबा नहीं सकता। प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जांच चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। जहां जहां ये अन्याय होगा, वहां वहां हम जाकर लड़ेंगे। हमें रोक नहीं सकते।’’
कांग्रेस की ओर से जारी वीडियो के मुताबिक, प्रियंका गांधी के पहुंचने पर पीड़िता की मां उनसे लिपटकर रोने लगी। प्रियंका इसमें उन्हें ढांढस बंधाती दिख रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि राहुल और प्रियंका के हाथरस दौरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और 500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया गया। हाथरस प्रशासन ने गुरुवार को निषेधाज्ञा लागू कर चार से अधिक लोगों के एक स्थान पर जमा होने पर रोक लगा दी थी। वहीं, गांव में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के साथ ही मीडिया कर्मियों के साथ भी पुलिस की धक्का-मुक्की की घटना हुई।
Smt. @priyankagandhi & Shri @RahulGandhi speak to the media after meeting with Hathras victim's grieving family. #SatyagrahaForOurDaughters pic.twitter.com/hHW5DwOkLQ
— Congress (@INCIndia) October 3, 2020
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी सहित वरिष्ठ समेत कई अधिकारियों ने पीड़िता के परिवार से शनिवार को मुलाकात की। अवनीश अवस्थी ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकतम पांच लोगों का कोई भी समूह पीड़िता के परिवार से मिल सकता है। उन्होंने कहा कि एसआई से पहली रिपोर्ट मिलने के दो घंटे के भीतर ही शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक समेत कई पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश दिया गया।
अवस्थी ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद घटना है। हमने परिवार में सभी से मुलाकात की। हमने उनसे बात की और यह भरोसा दिलाया गया कि दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’ उन्होंने ज्यादा ब्यौरा दिए बिना कहा, ‘‘जो भी बिंदु और शिकायतें आएंगी, एसआईटी उन्हें नोट करेगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी का निदान हो।’’ पीड़िता के गांव में सुरक्षा के लिए करीब 300 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी। पीड़िता की मौत और उसके साथ नृशंस व्यवहार से निर्भया कांड की याद ताजा कर दी और यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।
हाथरस रवाना होने से कुछ देर पहले, राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है- अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।’’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मामले की सीबीआई जांच या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की मांग की है और कहा कि वह इस मामले की शुरुआती जांच से संतुष्ट नहीं हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस घटना को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं महिला आयोग के मामले में हस्तक्षेप नहीं करती। पीड़िता को न्याय मिलेगा, मैंने खुद मुख्यमंत्री से बात की है। एसआईटी की रिपोर्ट आने पर मुख्यमंत्री दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।’’
गौरतलब है कि, गत 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया। बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ अंतिम संस्कार किया गया।