नोएडा के बाद गुरुग्राम फोर्टिस में इलाज के लिए ज्यादा पैसे वसूलने का मामला सामने आया है। एक परिवार ने फोर्टिस मेमोरियल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफएमआरआई) और पार्क हॉस्पिटल ने गलत तरीके से इलाज करने और ज्यादा रूपये वसूलने की शिकायत दर्ज कराई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सिविल सर्जन बीके राजोरा ने दोनों अस्पतालों के खिलाफ एक शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस पर गौर किया जा रहा है। राजोरा के पास दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एफएमआरआई ने भीम सिंह (60) को 36.68 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा। पार्क हॉस्पिटल ने उनके गॉल ब्लेडर में पथरी होने के चलते हो रहे पेट दर्द की शिकायत के बाद उन्हें वहां भेजा था।
भाषा की खबर के मुताबिक, इसी तरह के अन्य मामले में राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कहा कि गुरुग्राम स्थित फोर्टिस हास्पिटल ने डेंगू के एक मरीज के इलाज में काम आई दवाओं व अन्य सामानों पर 1700 प्रतिशत तक अधिक मार्जिन वसूला गया। इस रोगी का बाद में निधन हो गया था। नियामक ने कहा है कि फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने एक ‘थ्रीवे स्टाप कॉक’ के क्रय मूल्य पर 1737 प्रतिशत तक का मार्जिन वसूला।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने एफएमआरआई में 42 दिनों तक इलाज कराया। इलाज से उनकी आंत और किडनी पर भी असर पड़ा। सिंह के बेटे जगदीश ने बताया कि उनके पिता को शुरू में यहां सेक्टर-47 के पार्क हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें एक मई 2016 को फोर्टिस अस्पताल भेज दिया गया। रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले जगदीश ने बताया कि उनके पिता 42 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और अस्पताल ने 36.68 लाख रुपये का बिल दिया, जिसे उन्होंने जमीन बेचकर चुकाया।
महंगे इलाज के बावजूद मेरे पिता चलने फिरने में अक्षम हैं। वहीं, आरोपों को खारिज करते हुए एफएमआरआई ने अपने बयान में कहा कि रोगी को नाजुक हालत में लाया गया था और सीधे आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उनका जानलेवा बीमारी का लंबा इलाज चला।