बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के एक सरकारी कॉलेज में अब आप आसानी से यह पहचान पाएगें कि कौन छात्र दलित हैऔर कौन छात्र सामान्य जाति का है। ये कारनामा कर दिखाया है, मंदसौर के एक सरकारी काॅलेज ने।
सोशल मीडिया पर इन बैग्स की तस्वीरें वायरल होने के बाद यह विवाद खड़ा हो गया था। जनसत्ता के अनुसार जिले के राजीव गांधी पीजी कॉलेज के पीजी और यूजी कोर्स के 600 एससी-एसटी छात्रों में से करीब 250 को यह बैग मिला है।
..(3/3) भारतीय जनता पार्टी की दलित-आदिवासी विरोधी मानसिकता को उजागर करती है।
भाजपा किस तरह से एससी/एसटी को वोट बैंक के रूप में.. pic.twitter.com/SXzw5YX8u0— Arun Yadav (@MPArunYadav) October 26, 2016
इस बैग में एक कैलकुलेटर, पैन और नोटबुक है। कॉलेज के प्रिंसिपल बीआर नालव्या ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ये बैग वेलफेयर स्कीम के तहत बंटे हैं, अगर इस पर कुछ लिखा है तो क्या गलत है। अगर कुछ लोगों को इससे दिक्कत है तो मैं इस पर लिखे शब्द मिटा दूंगा। स्कीम का नाम सप्लायर ने लिखा है।