गुरुवार (21 दिसंबर) को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और DMK सांसद कनिमोझी और कई अन्य पर अहम फैसला सुनाया। पटियाला हाउस की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तत्कालीन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय से माफी की भी मांग की, जिन्होंने अपनी दूरसंचार ऑडिट रिपोर्ट में कहा था कि 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस को कौड़ियों के भाव आवंटित करने के लिए राजस्व को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
विनोद राय ने 2जी के साथ ही यूपीए सरकार के कोयला घोटाले के मामले को भी सामने लेकर आए थे। इन दोनों घोटालों ने यूपीए सरकार को बदनामी का बड़ा दाग लगाया था। बाद में जब भी इन घोटालों की चर्चा हुई विनोद राय का नाम जरूर उठा।
विनोद राय भारत के 11वें नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) के अध्यक्ष पद पर रहे। उन्होंने जनवरी 2008 में इस पद को संभाला और मई 2013 तक इस पद पर रहे। इसी दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में हुए लाखों करोड़ रुपये के टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले और कोयला घोटाले का सनसनीखेज खुलासा किया था। इसके बाद विनोद राय चर्चा में आए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी ट्वीट कर विनोद राय को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीच किया, ‘श्री विनोद राय पूर्व कैग को देश से माफी मांगनी चाहिए।
Mr VINOD RAI Former C&G must Apologise to the nation for throwing presumptive sensational Corrosive numbers into public discourse.He was author of imbecile 1.76 thousand crore loss theory that I had destroyed during my cross examination of Rai in JPC.court has affirmed JPC Report
— Manish Tewari (@ManishTewari) December 21, 2017
वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि, “यूपीए सरकार के दौरान 2जी घोटाले का दावा पूरी तरह गलत था, ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं ये आज के फैसले से साबित हो गया।”