कांग्रेस ने कहा है कि वह गुजरात चुनाव पर EVM और VVPAT (वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल) से जुड़े मुद्दों पर नए सिरे से एक याचिका दायर करेगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस की एक याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसके जरिए यह मांग की गई थी कि राज्य में हर निर्वाचन क्षेत्र में पड़े वोटों की गिनती के साथ-साथ कम से कम 20 फीसदी पर्चियों (पेपर ट्रेल) की गिनती हाथों से की जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘हम बहुत जल्द एक नई व्यापक याचिका दायर करने जा रहे हैं। कांग्रेस हमारे संविधान के मूलभूत ढांचा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के बारे में जागरूकता पैदा करने में अग्रिम मोर्चे पर रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर तथा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने याचिकाकार्ता एवं गुजरात कांग्रेस नेता मोहम्मद आरिफ राजपूत को अपनी याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी लेकिन बाद में चुनाव सुधारों की मांग करते हुए एक व्यापक याचिका दायर करने की छूट दी।
सिंघवी ने कहा कि पार्टी सबसे पहले चुनाव आयोग के पास जाएगी और इलेक्ट्रॉनिक नतीजे तथा पेपर ट्रेल नतीजे की तुलना करने की मांग करेगी। उन्होंने कहा कि ईवीएम और वीवीपीएटी (वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल) से जुड़े सभी मुद्दों पर एक व्यापक नई याचिका दायर की जाएगी।
बता दें कि कांग्रेस सहित कई राजनीतिक पार्टियां ईवीएम की विश्वसनीयता पर चुनाव के पहले से ही सवाल उठाती रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें आईं थीं। पिछले दिनों कांग्रेस, बीएसपी, सपा और आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से ईवीएम में छेड़छाड़ किए जाने के भी आरोप लगाए गए थे। हालांकि चुनाव आयोग ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था।
इन्हीं अशंकाओं के बीच कांग्रेस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपील की गई थी कि 18 दिसंबर को होने वाले मतगणना के दौरान 25 प्रतिशत मतों का मिलान VVPAT मशीनों की पर्चियों से किया जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी प्रक्रिया में दखल देने से इनकार करते हुए कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था।