‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस राफेल डील पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा उठाए गए सवाल के बाद सरकार और विपक्ष के बीच सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।
इस बीच फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे के एक बयान ने मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, फ्रांस के साथ राफेल एयरक्राफ्ट सौदे को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर शुक्रवार (21 सितंबर) को एक वेबसाइट के हवाले से एक रिपोर्ट शेयर किया जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे ने कथित तौर पर कहा है कि राफेल सौदे के लिए भारतीय साझेदार (अनिल अंबानी की रिलायंस) को चुनने में उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।
फ्रांसीसी समाचार वेबसाइट mediapart.fr द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक होलांदे ने कथित तौर पर कहा है कि राफेल डील के लिए भारत में दसाल्ट एविएशन का पार्टनर कौन होगा इसका फैसला हमने नहीं किया था। उन्होंने कहा है कि अनिल अंबानी की रिलायंस को साझेदार बनाने के लिए भारतीय सरकार ने कहा था, इसमें हमारा कोई दखल नहीं था।
Former French President François Hollande contradicts the Indian government. According to him, Anil Ambani (Reliance Defence) was not chosen by Dassault : "We didn't have a choice. We took the partner that was given to us" #Rafalehttps://t.co/YX1rMQlqvk
— julien bouissou (@jubouissou) September 21, 2018
आपको बता दें कि अभी तक मोदी सरकार और रक्षा मंत्री रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण यही कहते आए हैं कि इसमें हमारा कोई दखल नहीं था। अब इस खुलासे नें मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गौरतलब है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादास्पद राफेल विमान पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व चीफ टीएस राजू के एक बयान ने भी मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है।
दरअसल, हिंदुस्तान टाइम्स में एक खबर प्रकाशित हुई है जिसके मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व चीफ टीएस राजू ने कहा है कि एचएएल भारत में राफेल विमानों का विनिर्माण कर सकती थी। 1 सितंबर को रिटायर हुए राजू ने अखबार से बातचीत में कहा कि जब एचएएल चौथी पीढ़ी का 25 टन सुखोई-30 लड़कू विमान वायुसेना के लिए तैयार कर सकता है तो फिर हम क्या बात कर रहे हैं? हम निश्चित रूप से इसे तैयार कर सकते हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती में संप्रग सरकार में किए गए समझौते की तुलना में बहुत अधिक है जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट लेकर एक निजी समूह की कंपनी को दिया गया।