कृषि कानून वापस न लेने पर किसानों ने दी आंदोलन तेज करने की धमकी

0

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलन को लेकर देश की सियासत भी लगातार गरमाती जा रही है। नई कृषि नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का गुरुवार को आठवां दिन है और किसान नेताओं ने एक बार फिर अपनी मांगों को दोहराया है। वे केंद्र सरकार के साथ एक और दौर की बातचीत के लिए मिलेंगे।

कृषि कानून
फाइल फोटो: सोशल मीडिया

समन्वय समिति (संयुक्ता किसान मोर्चा) के दर्शनपाल सिंह समेत विभिन्न कृषि यूनियनों के नेता विज्ञान भवन के लिए सिंघु सीमा से रवाना हुए हैं, जहां वे केंद्रीय मंत्रियों- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल समेत केंद्र के अन्य प्रतिनिधियों से मिलेंगे। दिल्ली-हरियाणा सीमा सिंघु पर सुबह की प्रार्थना के बाद विरोध शुरू हुआ। यहां बैरिकेडिंग के अलावा सुरक्षा का एक घेरा और बढ़ा दिया गया है।

दर्शनपाल सिंह ने कहा, “हम अपने पहले के रुख पर कायम हैं कि तीनों ‘काले कानून’ वापस लिए जाएं और आज की बैठक में भी इस पर जोर दिया जाएगा। हमें लगता है कि सरकार अभी भी हमारी बात नहीं सुन रही है और ऐसे में उन पर अधिक दबाव डालने की जरूरत है। लिहाजा विरोध प्रदर्शन को बढ़ाने की जरूरत है।”

एक अन्य किसान नेता ने कहा कि वे आज की बैठक के बारे में काफी आशान्वित हैं और चाहते हैं कि निष्कर्ष पर पहुंचें। अन्यथा विरोध उसी गति से जारी रहेगा और बल्कि जरूरत पड़ी तो और उग्र होगा।

बता दें कि, केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं। वे हरियाणा की सिंघु, टिकरी सीमा और उत्तर प्रदेश की गाजीपुर और चिल्ला सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)

Previous articleहरियाणा में बढ़ सकती हैं खट्टर सरकार की मुश्किलें! किसानों के विरोध प्रदर्शन पर BJP की सहयोगी JJP ने कहा- ‘MSP पर आंच आई तो उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला दे देंगे इस्तीफा’
Next articleRajasthan PTET Seat Allotment Result 2020: जारी हुआ राजस्थान PTET 2 वर्षीय बीएड का पहला सीट आवंटन रिजल्ट, ptetdcb2020.com पर जाकर ऐसे करें चेक