क्या अलका लांबा का यह ट्वीट AAP नेतृत्व के लिए संदेश है?

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आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा ने रविवार रात को पंजाब के विधायक सुखपाल खैरा के पार्टी छोड़ने पर तीखा ट्वीट किया और अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला।

अलका लांबा
फाइल फोटो: अलका लांबा

चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘डूबती नाव से तो लोगों को कूदते बहुत सुना और देखा है, पहली बार तेज रफ़्तार से आगे बढ़ती नाव से कूदते किसी को पहली बार देख रहे हैं।
डूबती नाव से कोई कूदे,समझ आता है, चिंता नही, अगर कोई तैरती और रफ़्तार से आगे बढ़ती नाव से कूदे,तो समय रहते नाव में कमी को खोज लेना ही बेहतर होता है।’

वहीं एचएच फुल्का के इस्तीफे पर अलका लांबा ने लिखा था, “तीन तरह के लोग: एक वो जो 2012 के पहले थे, एक वो जो 2012 के बाद आए, एक वो जो 2015 के बाद आए, 2012 के पहले वाले गए तो अधिक नुकसान होगा, 2012 के बाद वाले गए तो नुकसान होगा, 2015 के बाद वाले गए तो नुकसान नहीं होगा, आकलन करने की ज़रूरत। संगठन से सरकार बनती है, सरकार से संगठन नहीं।”

फुल्का के इस्तीफे पर कुमार विश्वास ने ट्वीट कर बिना नाम लिए सीएम केजरीवाल पर तंज कसा है। कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, “आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने की निजी अहंकार मंडित नीचता के नाम एक और खुद्दार-शानदार योद्धा की ख़ामोश क़ुर्बानी मुबारक हो! अपनी स्वराज वाली बची-खुची एक आंख फोड़कर सत्ता के रीढ़विहीन ‘अंधों का सरदार’ बनना वीभत्स और कायराना है।”

बता दें कि पार्टी से निलंबित चल रहे पंजाब से विधायक सुखपाल खैरा ने रविवार (6 जनवरी) को आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। खैरा ने अपना इस्तीफा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दी है और कई आरोप भी लगाए।

अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में खैरा ने आरोप लगाया कि पार्टी उस विचारधारा एवं सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है जिनके आधार पर अन्ना हजारे आंदोलन के बाद उसका गठन हुआ था। बता दें कि बीते कुछ समय पहले सुखपाल खैरा आप नेतृत्‍व के खिलाफ बगावत कर दी थी और उनको पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले एचएच फूलका ने भी आप से इस्‍तीफा दे दिया था। बाद में, पत्रकारों से बात करते हुए फूलका ने कहा था कि एक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को एक राजनीतिक पार्टी में परिवर्तित करना एक गलती थी।

सुखपाल खैरा के पार्टी छोड़ने पर वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘सुखपाल खैरा का इस्तीफा अपेक्षित था, उनके बाहर निकलने से पार्टी मजबूत होगी। उन्हें अब एमएलए के पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए, जिसे उन्होंने पार्टी के टिकट पर जीता था। श्री खैरा ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह तब शुरू किया जब पंजाब में विपक्ष के नेता का पद एक दलित नेता को दिया गया था।’

सिसोदिया ने कहा खैरा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आप गरीब और हाशिए के लोगों के लिए काम करती रहेगी, जिन्हें इसमें समस्या है वे पार्टी छोड़ सकते हैं। खैरा, पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे और तब से पार्टी के खिलाफ खुलकर विद्रोह कर रहे थे, उन्होंने पार्टी तोड़ने की कोशिश की। कौन सा संगठन इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त कर सकता है?’

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