VIDEO: बेसुध पड़ी गर्भवती महिला को छोड़, ऑपरेशन थियेटर में ही भिड़ गए डॉक्टर, वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टरों पर गिरी गाज

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राजस्थान के जोधपुर में स्थित प्रसिद्ध उम्मेद अस्पताल से एक हैरान और शर्मसार करने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर बेसुध छोड़कर डॉक्टर आपस में झगड़ा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वैसे तो डॉक्टरों की पहली जिम्मेदारी मरीज की जान बचाने की होती है, लेकिन इस अस्पताल में डॉक्टरों ने महिला को मरते छोड़ आपस में ही भीड़ गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

दरअसल, गर्भवती महिला के बच्चे की पेट में ही मौत हो गई थी, जिसके बाद इस अस्तपाल में उसका ऑपरेशन किया जाना था। महिला ऑपरेशन थियेटर में लेटी थी और इसी बीच थियेटर में ही गायनेकोलॉजिस्ट और एनेस्थेटिक किसी बात पर लड़ाई करने लगे। शर्मनाक बात यह है कि इस दौरान स्ट्रेचर पर बेसुध महिला का पेट खुला हुआ था।

बताया जा रहा है कि अगर डॉक्टर आपस लड़ाई नहीं करते और फौरन गर्भवती महिला का ऑपरेशन किए होते तो बच्चे की जान बच सकती थी। घटना के मुताबिक, रातानाडा की रहने वाली अनीता मंगलवार(29 अगस्त) सुबह डिलीवरी के लिए उम्मेद हॉस्पिटल आईं। उन्हें पहले लेबर रूम ले जाया गया, जहां डॉ. इंद्रा भाटी ने उन्हें चेक किया तो पेट में बच्चे की धड़कन धीमी पाई।

जिसके बाद अनीता को फौरन सिजेरियन डिलिवरी के लिए ऑपरेशन थिएटर में भेजा गया। ऑपरेशन थियेटर में एक टेबल पर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अशोक नैनीवाल एक दूसरी महिला का ऑपरेशन कर रहे थे। अनीता को दूसरी टेबल पर लाया गया। यहां एनेस्थिसिस्ट और ओटी इंचार्ज डॉ. एमएल टाक बच्चे की धड़कन जांचने के लिए दूसरे डॉक्टर से कह रहे थे।

इसी दौरान डॉ. अशोक भड़क गए और डॉ. टाक पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इस पर डॉ. टाक भी अनीता को छोड़कर डॉ. अशोक के सामने आ गए और दोनों डॉक्टर आपस में ही भीड़ गए। दोनों के बीच काफी समय तक तू-तू-मैं-मैं होता रहा। बाद में महिला के सिजेरियन से हुई नवजात बच्ची ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया।

डॉक्टर पर गिरी गाज

वहीं, इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर अशोक नैनीवाल को सस्पेंड कर दिया गया है और दूसरे डॉक्टर एमएल टाक को हटाकर मथुरा एमडीएम अस्पताल में भेज दिया गया है। साथ ही डॉक्टरों के झगड़े के चलते हुए नवजात शिशु की मौत मामले में राजस्थान राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए अस्पताल अधीक्षक को 1 सितंबर को तलब किया है। साथ ही आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा ने इस मामले को डॉक्टरों द्वारा लापरवाही की पराकाष्ठा बताया।

(देखें, वीडियो)

 

 

 

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