पश्चिमी दिल्ली में 61 साल के एक बुजुर्ग को छेड़छाड़ के झूठे मामले में फंसाकर उनसे 10 लाख रुपये उगाही करने के प्रयास के आरोप में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। आरोपी महिलाएं हनीट्रैप में फंसाकर लोगों से उगाही करती थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बुधवार को बताया कि किरण (30) ने टैगोर गार्डेन एक्सटेंशन में रहने वाले दिनेश चंद महाजन के खिलाफ सात अप्रैल को राजौरी गार्डेन थाने में छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई थी। अगले दिन महिला का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान पाया गया कि शिकायतकर्ता ने अपनी बहन पूनम (31) और सोनिया (28) के साथ मिलकर 10 लाख रुपये उगाही करने के लिए महाजन के खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे।
उन्होंने बताया कि तीनों महिलाओं के जयपुर भाग जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम वहां पर भेजी गई थी। वहां पर तीनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने कहा कि इसने तीन महिलाओं को जानने वाले एक व्यक्ति का पता लगा, जिसके बाद संदिग्धों को पकड़ा गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किरन की दिल्ली महिला आयोग से भी काउंसलिंग कराई गई जिसमें उसने स्पष्ट तौर पर बताया कि उसने दिनेश महाजन के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी और केस वापस लेने के बदले 10 लाख रुपये मांगे थे।
वेस्ट दिल्ली की डीसीपी के मुताबिक, आरोपी पूनम और सोनिया दोनों सगी बहन हैं. हालांकि ये दोनों गुजरात मूल की रहने वाली हैं। इन दोनों की पहले शादी हो चुकी है, लेकिन दोनों अपने पहले पति को तलाक लेकर अलग रह रही थीं। उसके बाद इन दोनों बहनों ने सेक्स के धंधे में कूदकर जल्द से जल्द पैसे कमाने के लिए एक गैंग बनाई,जिसमें कई लोगों को जोड़ने लगीं। इसी दौरान एक नया तरीका अपनाया और उन लोगों को अपना शिकार बनाने लगीं जो अक्सर अपने घर में या तो अकेले रहते हैं या जो काफी पैसे वाले बुजुर्ग हों।
पहले लोगों के साथ घुल मिलकर बातचीत करना और उसके बाद एक साजिश के तहत सेक्स करने का आरोप लगा देती थीं। सेक्स के फर्जी आरोप लगाने वाले इस धंधे में प्रमुख आरोपी पूनम और उसकी बहन सोनिया है,लेकिन इस गैंग में किरण का प्रयोग पीड़िता के तौर दिखाने के लिए किया जाता था। यानी किरण को ये दोनों आरोपी बहन किसी पैसे वाले बुजुर्ग के सामने भेजती थीं और उससे बातचीत करवाती थीं। उसके बाद ये तीनों आरोपी अवैध वसूली के वारदात को अंजाम देती थीं।