BJP शासित हरियाणा में गायों के लिए बनेंगे सरकारी हॉस्टल, लेकिन देसी गायों को ही मिलेगा दाखिला

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देश में और किसी के अच्छे दिन भले ही ना आया हो, लेकिन बीजेपी शासित राज्य हरियाणा में गायों के तो अच्छे दिन आ गए हैं। जी हां, प्रदेश में अब अगर आपके पास घर में पर्याप्त जगह नहीं है, तो गौ मालिकों के पास जल्द ही उनकी गायों को ‘हॉस्टल’ में भेजने का विकल्प मौजूद होगा।

PHOTO: Indian Express

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल हरियाणा के गौ मालिकों के पास अपने घर में गाय रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, इसलिए अब अपनी गायों का वे हॉस्टल में दाखिला दिलवाने की तैयारी कर रहे है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2013 में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई स्वायत्त निकाय हरियाणा गौ सेवा आयोग जल्द ही गायों के लिए हॉस्टल का प्रस्ताव राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेजने वाली है।

इस संबंध में एक्सप्रेस से बातचीत में गौ सेवा आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगला ने बताया कि उन्होंने गाय के हॉस्टल संबंधित बातचीत मंत्री कविता जैन से की थी, जिन्होंने कहा था कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र सोनीपत में पहला गाय हॉस्टल बनवाना चाहती है। मंगला के अनुसार, फिलहाल एक-दो शहरों में आयोग द्वारा जमीन की तलाश की जा रही है जहां गायों के लिए बसेरा या हॉस्टल बनवाया जा सके।

भानी राम मंगला ने अखबार को बताया कि आयोग अभी केवल इन बसेरे और हॉस्टल का निर्माण केवल एक-दो शहरों में ही इसलिए करना चाहता है, क्योंकि पूरे राज्य में इसे बनवाने से पहले वे देखना चाहते हैं कि गायों के हॉस्टल में आने के बाद इनका क्या परिणाम निकलता है। उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो ही पूरे प्रदेश में गायों के लिए हॉस्टल बनवाया जाएगा।

सिर्फ देसी गायों को ही मिलेगा दाखिला

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मंगला ने बताया कि इन हॉस्टलों में करीब 50 गायों को एक साथ रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इन हॉस्टलों में सिर्फ उन्हीं गायों को रखा जाएगा जो कि स्वदेशी(देसी गाय) होंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ ठीक चलता है तो हम इन गायों के हॉस्टल की देखरेख के लिए एक सोसायटी का गठन करेंगे। यह सोसायटी रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की तरह काम करेंगी।

हॉस्टल का सोसायटी देगा किराया

मंगला ने अखबार को बताया कि जिस सरकारी जमीन पर इन हॉस्टलों का निर्माण कराया जाएगा, उसके किराए का भुगतान सोसायटी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौ मालिक से आवास शुल्क के रूप में किराया लिया जाएगा जिसके बाद वे अपनी गाय का दूध घरेलू खर्च और बेचने के लिए आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे।

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