पाकिस्तान की सरजमीं पर हुए भारतीय वायुसेना के एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर भारत में सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक के सबूत मांगे जाने से तीलमिलाई बीजेपी विपक्षी दलों पर लगातार हमलावर है। लेकिन अब इस मुद्दे पर बीजेपी और मोदी सरकार की की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल, अब पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिजनों ने भी आतंवादियों के मारे जाने के सबूत की मांग कर दी है।

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के दो परिवारों ने पिछले महीने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले में आतंकवादियों के मारे जाने के सरकार के दावे पर सवाल खड़े किए हैं। भारतीय वायुसेना द्वारा 26 फरवरी को किए गए एयर स्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा खड़े किए गए सवालों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश के शामली और मैनपुरी के दोनों परिवारों ने सरकार से कहा है कि हमले में मारे गए आतंकवादियों के शवों को सबूत के रूप में दिखाए और हमले के प्रभाव की पुष्टि करे।
शामली के प्रदीप कुमार और मैनपुरी के राम वकील सीआरपीएफ के उन 40 जवानों में शामिल थे, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह, जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए गए आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे। समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील की विधवा गीता देवी ने कहा, “हम दुखी हैं और अपने परिवार के सदस्य की जिंदगी का बदला चाहते हैं।”
गीता देवी ने कहा कि भले ही पाकिस्तान बालाकोट हवाई हमले में मारे गए लोगों की संख्या स्वीकारने को तैयार नहीं है, सरकार को बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत सार्वजनिक करने चाहिए। देवी ने कहा, “पुलवामा हमले के बाद हमने सबूत के तौर पर अपने जवानों के शव पाए, लेकिन पाकिस्तान में किए गए हवाई हमले के इस तरह के कोई सबूत नहीं हैं।” गीता के समर्थन में वकील की बहन राम रक्षा ने कहा कि लोगों को पता चलना चाहिए कि वाकई में क्या हुआ।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित कई अन्य बीजेपी नेताओं के दावों को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा, “कोई कैसे मान ले कि हमला हुआ और आतंकवादी मारे गए? हमें सबूत दिखाइए, तभी हमें शांति मिलेगी और पता चलेगा कि मेरे भाई के खून का बदला लिया गया है।” बता दें कि शाह ने लगभग 250 आतंकवादियों को मारे जाने का दावा किया था। इस बीच वकील के भाई राम नरेश ने कहा, “यदि सरकार दावा कर रही है कि उन्होंने 300 आतंकवादियों को मार गिराए, तो उन्हें कुछ सबूत भी देने चाहिए।”
शामली में प्रदीप कुमार की 80 वर्षीय मां भी इसी तरह बात कहती हैं। सुलेलता ने कहा, “हम संतुष्ट नहीं हैं। इतने बेटे मारे गए। दूसरी तरफ कोई शव नहीं है। वास्तव में वहां के बारे में कोई पुष्ट खबर नहीं है। हम इसे टीवी पर देखना चाहते हैं। और हम अपने घरों में बताना चाहते हैं। हम आतंवादियों के शव देखना चाहते हैं।” बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में वायुसेना के विमानों ने 26 फरवरी की सुबह जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर हमले किए थे।
राहुल गांधी ने परिजनों की मांग को बताया जायज
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फेंस के दौरान शहीद के परिजनों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि कुछ शहीद CRPF जवानों के परिवार की तरफ से इस मुद्दों को उठाया गया है। अगर वह कह रहे हैं कि वह इससे दुखी हैं, तो कृपया उन्हें बताया जाए कि क्या हुआ। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहते हैं, क्योंकि कांग्रेस के कई नेता इस पर टिप्पणी कर चुके हैं।
राफेल को लेकर प्रेस कॉन्फेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “मैं इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा (भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक के सबूत), लेकिन हां मैंने पढ़ा है कि कुछ शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों ने इस मुद्दे को उठाया है, वे कह रहे हैं कि हम आहत थे इसलिए कृपया हमें दिखाएं कि क्या हुआ।”
Congress President Rahul Gandhi: I won't talk much about it (evidence of IAF strikes), but yes I read that families of some of the CRPF personnel who were martyred have raised this issue, they are saying we were hurt so please show us what happened. pic.twitter.com/5FLwDAdu0N
— ANI (@ANI) March 7, 2019
बता दें कि एयर स्ट्राइक के चंद घंटे बाद विदेश सचिव विजय के. गोखले ने पुष्टि की थी कि भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया और बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जेहादी मारे गए, जो वहां फिदायीन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे। सरकार ने वायुसेना के हमले में मारे गए आतंकवादियों की कोई सही संख्या नहीं बताई, लेकिन विभिन्न मंत्रियों ने अलग-अलग संख्या बताई। वायुसेना ने कहा कि उसका काम लक्ष्य को निशाना बनाना है, शव गिनना नहीं।
विदेश सचिव विजय गोखले ने पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा था, ‘‘बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक, बड़े कमांडर और जिहादी समूह मारे गए जिन्हें फिदायीन हमले के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था।’’ वहीं तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि 300 से 350 आतंकवादी मारे गए। बाद में बीजेपी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मारे गए आतंकवादियों की संख्या 250 बताई।
इन हवाई हमलों में कम नुकसान की बात कहने वाली मीडिया की खबरों के बीच विपक्षी दल स्थिति स्पष्ट किए जाने पर जोर दे रहे हैं। सोमवार को एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की संख्या बताना सरकार का काम है, भारतीय वायुसेना केवल यह देखती है कि लक्ष्य भेदा गया या नहीं। जबकि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि हवाई हमलों में लगभग 400 आतंकवादी मारे गए। वहीं ,यह पूछे जाने पर कि कितने आतंकवादी मारे गए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई संख्या नहीं बताई। (इनपुट आईएएनएस के साथ)