नोटबंदी के फैसले को राष्ट्रविरोधी बताते हुए विपक्षी दलों ने बुधवार(30 अगस्त) को इस कदम को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों का इस्तेमाल उस पर निशाना साधने के लिये करते हुए कहा कि बंद किये गये करीब एक फीसदी नोट वापस नहीं आना आरबीआई के लिए शर्म की बात है।

कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि यह कदम भारी आपदा है, जिससे निर्दोष लोगों की मौत हुई और अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। क्या प्रधानमंत्री अपराध स्वीकार करेंगे? वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि नोटबंदी से न केवल आरबीआई की संस्थागत शुचिता पर धब्बा लगा है, बल्कि विदेशों में भारत की विसनीयता पर भी बट्टा लगा है।
A colossal failure which cost innocent lives and ruined the economy. Will the PM own up? #DemonetisationDisaster https://t.co/YXNdW8xBTL
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2017
चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नोटबंदी का फैसला काले धन को सफेद करने के लिये तैयार किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि नोटबंदी पर आरबीआई का बुधवार शाम का खुलासा क्या बड़े घोटाले की ओर संकेत नहीं करता।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नोटबंदी को लेकर केंद्र पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि भारत इस राष्ट्रविरोधी कदम के लिए मोदी सरकार को कभी माफ नहीं कर सकता। इसने कथित तौर पर देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर एक संसदीय समिति को भ्रामक जानकारी देने के लिए आरबीआई के गवर्नर उर्जति पटेल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी। बुधवार आरबीआई की 2016-17 की सालाना रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि एक हजार रुपये के 1.4 प्रतिशत नोटों को छोड़कर बाकी बैंकिंग प्रणाली में लौट आये हैं।
चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा कि 99 फीसदी नोट कानूनी रूप से बदले गये। क्या नोटबंदी कालेधन को सफेद करने के लिये तैयार की गयी योजना थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नोटबंदी के कदम के पीछे जो अर्थशास्त्री था वह नोबल पुरस्कार का हकदार है क्योंकि आरबीआई के पास 16,000 करोड़ रुपये आये लेकिन नये नोटों की छपाई में 21,000 करोड़ रूपये खर्च हो गये। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के एक भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हुई।
99 फीसदी पुराने नोट बैंकों में लौटे
रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद बैंकों में लौटे पांच सौ और हजार के पुराने नोटों का बुधवार(30 अगस्त) को पहली बार आंकड़ा जारी किया। आरबीआई ने बताया कि पुराने नोटों में 99 फीसदी बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं। सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला किया था और उन्हें बैंकों को वापस जमा करने का निर्देश जारी किया था।
रिजर्व बैंक ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि प्रतिबंधित मुद्रा में से 15.28 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए और मात्र 16,050 करोड़ ही उसके पास नहीं लौट सकी है। नोटबंदी से पहले 500 रुपये के 1,716.5 करोड़ और 1,000 रुपये के 685.8 करोड़ नोट चलन में थे जिनका कुल मूल्य 15.44 लाख करोड़ रुपये था। नोटबंदी के कदम के समर्थन में सरकार ने कहा था कि इससे कालेधन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा पर लगाम लगेगी।